भायंदर: साहित्य जगत के एक प्रमुख हस्ताक्षर कहे जाने वाले डालमिया कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर सरस पांडे (60) की कोरोना संक्रमण के चलते 21 मार्च की शाम को उनके पैतृक गांव मछली शहर, जौनपुर में निधन हो गया। प्रोफेसर सरस पांडे के निधन की खबर मिलते ही मुंबई में शोक की लहर दौड़ गई। महानगर की सांस्कृतिक सामाजिक व शैक्षणिक गतिविधियों में वह हमेशा सक्रिय रहे थे।महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, भायंदर के प्रख्यात समाजसेवी पंडित लल्लन तिवारी, समरस फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. किशोर सिंह भारतीय सदविचार मंच के अध्यक्ष डॉ राधेश्याम तिवारी, समाजसेवी दिनेश उपाध्याय, प्रोफेसर अमरीश दुबे, वरिष्ठ साहित्यकार शिवपूजन पांडे, पत्रकार राजेश उपाध्याय, समाजसेवी प्रवीण राय, एडवोकेट राजकुमार मिश्रा,डॉ सुधाकर मिश्र ,डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ला ,डॉ. एम एल गुप्ता , कवि रासबिहारी पांडेय, साहित्यकार हृदयेश मयंक ,वीरेंद्र दुबे,धर्मेंद्र चतुर्वेदी,वैद्य वी वी चौबेजी,विनोद मिश्रा,अवधेश विश्वकर्मा, प्रोफेसर विजय मिश्रा, एड.आर जे मिश्रा, प्रभाकर मिश्रा, उपेंद्र पांडे, डॉ एल एम मौर्य, शिवसेना नेता विक्रम प्रताप सिंह, शिवसेना नेता सुरेश दुबे, शिवसेना प्रवक्ता शैलेश पांडे, अमरनाथ तिवारी विश्वनाथ तिवारी जय दयाल शुक्ला आदि ने प्रो. सरस पांडे के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
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