मुंबई : भारत एक सार्वभौमिक प्रजातंत्रात्मक,धर्म निरपेक्ष देश है। यहां पर प्रत्येक समाज जाति की अपनी अपनी धार्मिक, सामाजिक,राजनैतिक, सांस्कृतिक विरासत है।सर्व सेन नाई समाज के द्वारा 26 मई 2021 को बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर भारत के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सामाजिक साहित्यकारों को एक मंच एक परिचय के उद्देश्य से राष्ट्रीय कावि सम्मेलन का आयोजन किया गया।उक्त कवि सम्मेलन की अध्यक्षता छायावाद युग के वरिष्ठ साहित्यकार माथुरकर जबलपुरी 'अनजानदास'(जबलपुर-मप्र) ने की तथा आयोजन,संयोजन, संचालन का कार्यभार ठाणे-मुंबई (महाराष्ट्र) के कवि,पत्रकार विनय शर्मा दीप ने बखूबी संभाली।कवि सम्मेलन के शुभारंभ पूर्व सैनजी महराज,जिवाजी महाले,शिवाजी कासिद,कर्पूरी ठाकुर के साथ नारायणी माता को नमन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार आर एल वर्मा (कल्याण-महाराष्ट्र) ने सरस्वती वंदना करते हुए अपनी कविताओं से मनमोह लिया।
बता दें कि उक्त कवि सम्मेलन में भारत के विभिन्न प्रांतों के सर्व सेन,नंदवंशी,नाई समाज के साहित्यकारों ने भाग लिया।सभी ने भारत की प्राचीन नाई समाज के लोगो के इतिहास पर प्रकाश डाला।अपनी पारंपरिक काम,व्यवसाय,सामाजिक, धार्मिक,राजनैतिक सांस्कृतिक विरासत को समझने का प्रयास किया।युवा साहित्यकार,शिक्षक तुलेश्वर कुमार सैन ने अपनी कविता सुनाने से पूर्व समाज पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे समाज का इतिहास क्या रहा है और वर्तमान में हम किन कामों तक सीमित हो गए।हमारे समाज के लोग न्याय का कार्य,साहित्य के क्षेत्र में,शैल्य चिकित्सा संबंधी जानकारी,एक छत्रपति राजा के रूप में राज्य किया करते थे।एक राजनीतिक पृष्ठ भूमि हुआ करती थी।परंतु आज हम सब अपना इतिहास भूल गए हैं।समाज के लोगों के बीच वैचारिक मतभेद है,हम सभी को पुन:एक मंच पर आना होगा।हमारे साहित्यकारों को प्रयास करना पड़ेगा।आज समाज में जो कुरीतियां, अंधविश्वास,आडंबर,अशिक्षा, स्वार्थलोलुप्त ने अपना स्थान बना लिया है उसे समाप्त करना होगा इसी उद्देश्य को लेकर विनय शर्मा दीप (मुंबई) ने एक प्रयास किया है। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए गूगल मीट पर आनलाइन कवि सम्मेलन में आमंत्रित समाजसेवी, साहित्यकारों में-तुलेश्वर कुमार सेन (शिक्षक राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से),डॉक्टर जयवीर सिंह जौहर (प्रवक्ता-गणित, चित्रकूट से),आर एल वर्मा (सेंट्रल रेलवे सेवानिवृत्त-मुंबई),अर्जुन ठाकुर(समाजसेवी,साहित्यकार- भोजपुर बिहार),रघुनंदन सैन (जयपुर राजस्थान),कवि माथुरकर जबलपुरी अंजनदास (सैन चालिसा रचयिता),संतोष निरंकार शर्मा(समाजसेवी, कल्याण-मुंबई),मांगीलाल गोठडिया(साहित्यकार, समाजसेवी-कलकत्ता),महावीर सिंह सैन(साहित्यकार, समाजसेवी,आय आय टी-उत्तराखंड) आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।सभी ने एक से बढ़कर एक कविता,विचार, संस्मरण आदि प्रस्तुत किया।अंत में संयोजक दीप ने एक प्रस्ताव रखते हुए कहा भविष्य ऐसे कार्यक्रम प्रत्येक माह में इस तरह आयोजित किया जायेगा,जिसमें पूरे देश से कवि,साहित्यकार सहभागी हों।मुंबई समाज के कर्णधार संतोष निरंकार शर्मा ने उपस्थिति हेतु सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार प्रकट करते हुए कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा की।
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