नई दिल्ली. यदि आप कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्पूतनिक वी की वैक्सीन लगवाना चाहते हैं तो अब इंतजार खत्म होने वाला है। अपोलो अस्पतालों में जून के दूसरे सप्ताह से वैक्सीन लगनी शुरू होगी। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने यह जानकारी दी है। ग्रुप की एग्जीक्युटिव वाइस-चेयरपर्सन कामिनेनी का कहना है कि समूह ने देश की 80 लोकेशंस पर अब तक 1 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए हैं। जिन लोगों को टीके लगाए गए हैं, उनमें हाई रिस्क ग्रुप, कॉरपोरेट एंप्लॉयीज और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। ग्रुप की ओर से वैक्सीनेशन अभियान के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'जून में हर सप्ताह 10 लाख लोगों को टीका लगाने की तैयारी में है। इसके बाद जुलाई में यह आंकड़ा डबल हो जाएगा। इस साल सितंबर तक हम दो करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।'
अपोलो ग्रुप ने दावा किया है कि वह देश में प्राइवेट सेक्टर का ऐसा पहला संस्थान है, जिसने इतनी बड़ी संख्या में लोगों को टीके लगाए हैं। अपोलो ग्रुप ने कहा कि वह कोरोना से जंग में राज्य और केंद्र सरकारों का साथ देता रहेगा। कामिनेनी ने कहा कि जब तक सभी लोगों को टीका नहीं लगता है, तब तक कोई भी सेफ नहीं रहेगा। अपोलो हॉस्पिटल्स ने कहा, 'हम केंद्र और राज्य सरकारों एवं कोविशील्ड और कोवैक्सिन के मैन्युफैक्चरर्स को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं।' भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सिन के बाद रूस की स्पूतनिक वी ऐसी तीसरी वैक्सीन है, जिसे भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
भारत दुनिया का ऐसा 60वां देश है, जिसने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। अब तक जिन देशों में इस टीके को मंजूरी दी गई है, उनमें दुनिया की 3 अरब से ज्यादा यानी विश्व की 40 फीसदी आबादी रहती है। स्पूतनिक वी को काफी असरकारक माना जा रहा है। ऐसे में भारत में भी कई मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस वैक्सीन की सराहना की है। बता दें कि देश में अब तक 20 करोड़ से ज्यादा टीके लग चुके हैं। इनमें सिर्फ कोविशील्ड और कोवैक्सिन के टीके ही शामिल हैं। हालांकि इस बीच राहत की खबर यह है कि देश में लगातार कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हो रही है।
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