जहां देश में सुमधुर गायन एवं गायक कलाकारों की संस्था काम होती जा रही है। तथा पतनोन्मुख अभिरुचि वाले पाश्चात्य संगीत की कर्ण भेदी संगीत विधा में रूचि लेकर गर्व का अनुभव कर रहे है,वही हिंदी एवं अवधी गीतों को पुनःप्रतिष्ठित करने का कर्तव्य सुमधुर स्वरों की लोकगायिका श्रीमती अंजू उपाध्याय (अमृत)निभा रही है ।उनके लोक एवं सुगम संगीत से ओतप्रोत गायन शैंली के प्रशसंको एवं श्रोताओ की संख्या लगभग डेढ़ सौ करोड़ से अधिक हो चली है।वर्तमान इंटरनेट के युग में सोशल मीडिया (व्हाट्सप्प , यूट्यूब, इंस्टाग्राम इत्यादि) ने उन्हें भारत ही नहीं अपितु विदेशो में भी लोकप्रिय बनाने का कार्य किया है| मात्र यूट्यूब पर ही उन्हें अबतक लगभग डेढ़ सौ करोड़ संगीत प्रेमियों ने देखा सुना है |
गायिका श्रीमती अंजू उपाध्याय(अमृत)अपने पति नितेश कुमार उपाध्याय एवं परिवार के साथ रहकर भारतीय संगीत को प्रतिष्ठित कर रही है | उनका स्वर अत्यंत आकर्षक एवं मधुर है, जो श्रोताओ के ह्रदय तक सीधे उतर जाता है।वह अपने परिवार के साथ गाँव - दोस्तपुर ब्रह्मरौली सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में रहती है ,एवं संगीत साधना में नित्य प्रति अग्रसर है।वह अबतक लोक शैली के भजन ,आरती, दादरा, कजली ,ठुमरी एवं जन जन में रचे बसे अनेक पारम्परिक एवं देशभक्ति के गीतों को अपने स्वरों में पिरो चुकी है | उनकी गायन शैली में पर्याप्त आरोही अवरोही स्वरों सहित मुरकी का आकर्षक उपयोग स्पष्ट परिलक्षित होता है | मद्र, मध्य एवं तर सप्तक के स्वरों का सहजता से उपयोग करने में वह अत्यंत कुशल है।
श्रीमती अंजू उपाध्याय(अमृत) बताती है की गायन की प्रभावी प्रेरणादायक उनकी माता श्रीमती निर्मला तिवारी है ,जिन्होंने कि वउनके ह्रदय में संगीत के प्रति अभिरुचि उत्पन्न की है । पिता स्व-इंद्रमणि तिवारी ने भी अपनी पुत्री को गायिका बनाने में पर्याप्त सहयोग एवं प्रेरणा प्रदान किये है। गायिका अंजू उपाध्याय (अमृत) के पति -नितेश कुमार उपाध्याय भी उन्हें सहयोग एवं प्रेरणा प्रदान करते है तथा वह भी गायन के क्षेत्र में लोकप्रिय है।भारतीय संगीत की सुमधुर एवं कोकिल कंठील उपासिका श्रीमती अंजू उपाध्याय को गायन के क्षेत्र में नित नए मुकाम हासिल करने तथा उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाये प्रदान करते हैं।
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बहुत बहुत धन्यवाद आप सभी को थैंक्स गॉड ब्लेस यूं प्लीज़ माई सपोर्ट
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