मुंबई:- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज आईएएस प्राजक्ता लवंगारे का तबादला कर दिया है। ठाकरे सरकार ने उन्हें नागपुर का संभागीय आयुक्त नियुक्त किया है। प्राजक्ता लवंगारे वर्तमान में मराठी भाषा विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत थीं। पिछले साल उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के इशारे पर कई IAS अधिकारियों की अदला-बदली की थी ।
60 से अधिक आईएएस अधिकारियों को उनके पदों से हटाया गया। इसमें प्राजक्ता लवंगारे भी शामिल थे। लवंगरे को माध्यमिक स्तर के मराठी भाषा विभाग के सचिव का पद दिया गया है। लेकिन अब उन्हें बेहतर जगह पर बसाया गया है।
आईएएस लॉबी में मंडलायुक्त का पद मानद पद माना जाता है। यह पोजीशन क्रीमी होती है, लेकिन यह मान, सम्मान और अधिकार भी लाती है। पांच-छह जिलों की समस्त प्रशासनिक मशीनरी संभागायुक्त द्वारा चलाई जाती है। शाही रूप देना संभव है।
बड़ी मछलियों को बड़े कार्यों के लिए संभागायुक्त का आशीर्वाद चाहिए। इसलिए बड़ी मछलियां संभागायुक्त से काम करवाने के लिए मशक्कत कर रही हैं. इसके विपरीत मराठी भाषा को कठिन लेखा माना जाता है।
बिल्डरों, अमीरों का मराठी भाषा के खाते से कोई लेना-देना नहीं है। मराठी आंदोलन के भाषाविद, लेखक, कार्यकर्ता जैसे कई सामाजिक कार्यकर्ता इस विभाग के सचिव से मिलने आते हैं। उस संदर्भ में आईएएस लवंगारे के लिए संभाग आयुक्त पद के लिए लॉटरी महत्वपूर्ण है।
उद्धव ठाकरे ने पिछले साल देवेंद्र फडणवीस की मुहर लगी प्रवीण परदेशी, प्रवीण दराडे, अश्विनी भिड़े, मिलिंद म्हैस्कर, मनीषा म्हैस्कर को सेकेंडरी पदों पर तबादला किया था।
क्रोधित होकर प्रवीण परदेशी ने महाराष्ट्र छोड़ दिये मिलिंद म्हैस्कर ने ठाकरे के पक्ष का संपादन किया। इसलिए इन्हें हाल ही में आवास विभाग में शामिल किया गया है। तब से प्राजक्ता लवंगारे को मानद पद भी मिल गया है।
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