आतंक से मिली राहत! नाइजीरिया में कत्लेआम करने वाले बोको हराम के सरगना ने की आत्महत्या | Khabare Purvanchal

नई दिल्ली. पश्चिम अफ्रीका के देशों में आतंकवाद से कोहराम मचाने वाले इस्लामी ग्रुप बोको हराम का नेता अबूबकर शेकाउ अपने विरोध दल के साथ संघर्ष में मारा गया। द‍ इस्‍लामिक स्‍टेट वेस्‍ट अफ्रीकन प्रोविंस ने अबूबकर को मारने की जिम्मेदारी ली है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स में सुनाई गई एक रिकॉर्डिंग में ISWAP ने यह जानकारी दी। पिछले 12 साल से ऐसी कई सूचना मिली जिनमें कहा गया कि बोको हराम का नेता मारा गया लेकिन इस बार अबूबकर की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

ISWAP नेता अबू मुसाब अल-बरनावी ने रिकॉर्डिंग में बताया कि 18 मई को हो रही लड़ाई में ISWAP ने उसे घेर लिया था और उसके बाद अबूबकर ने विस्फोट करके खुद की जान लेली। इस्लामिक स्टेट के नेता अबू मुसाब अल-बरनावी ने रिकॉर्डिंग में कहा- इश्वर ने अबूबकर शिकाउ को स्वर्ग भेजकर उसके साथ न्याय किया है।



मौत की हुई पुष्टि
नाइजीरिया और बोको हराम के शोधकर्ताओं ने जो खुफिया रिपोर्ट साझा की है वे भी यही बताती हैं कि अबबूकर मर चुका है। पिछले महीने नाइजीरिया की सेना ने कहा था कि वह अबूबकर की कथित मौत की जांच कर रही है। बोको हराम पर रिसर्च करने वाले बुलामा बुकार्ती बताते हैं कि ISWAP अब लेक चाड में अपनी पकड़ मजबूत बना रहे हैं। लेड चाड अबूबकर शेकाउ का गढ़ हुआ करता था। ISWAP लंबे समय से इसके लिए संघर्ष कर रहा था।

दोनों संगठनों के बीच खत्म हो सकता है संघर्ष
विश्लेषकों का कहना है कि अबूबकर की मौत के बाद दोनों संगठनों के बीच की हिंसा खत्म हो सकती है। बोको हराम के लोग अब इस्लामिक स्टेट जॉइन कर सकते हैं। अबूबकर ही वह व्यक्ति था जिसे इस्लामिक स्टेट मारना चाहता था। बुकार्ती ने बोको हराम के कमांडरों और लड़ाकों को अपने पक्ष में करने के इस्लामिक स्टेट के प्रयास के बारे में कहा, "इस्लामिक स्टेट के लिए शेकाऊ ही एक दिक्कत था और वह एकमात्र व्यक्ति था जिसे वे हटाना चाहते थे।"

ऐसा कहा जा रहा कि इसके बाद से इस्लामिक स्टेट सरकार और सेना पर हमले तेज कर सकता है।

खूंखार घटनाओं को दिया है अंजाम 
बोको हराम ने 2014 में चिबोक शहर से 270 से ज्यादा स्कूल में पढ़ने छात्राओं का अपहरण किया था जिसके बाद दुनिया भर में उसने सुर्खियां बटोरीं थी. छात्राओं की वापसी के लिए  पूरी दुनिया में #BringBackOurGirls नाम से एक अभियान शुरू हुआ था। 100  लड़कियां अभी भी लापता हैं, और माना जाता है कि कुछ की कैद में मौत हो गई थी। ISWAP पहले बोको हराम का ही हिस्सा था और पांच साल पहले यह इससे अलग हो गया था. बोको हराम और ISWAP के बीच नागरिकों की हत्या पर धार्मिक वैचारिक असहमति के कारण विवाद हुआ था।

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