नई दिल्ली. क्रिकेट इतिहास की जब बात की जाती है तो वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया की टीमों का जिक्र जरूर किया जाता है। क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने 1970 और 1980 के दशक में विश्व क्रिकेट पर राज किया। विव रिचर्ड्स जैसे बल्लेबाज और मैलकम मार्शल जैसे घातक गेंदबाजों के दम पर क्लाइव लॉयड की अगुवाई में वेस्टइंडीज ने हर टीम को अपने आगे बोना साबित किया। वेस्टइंडीज ने 1975, 1979 के विश्व कप को अपने नाम किया, जबकि 1983 में भी टीम फाइनल में पहुंचने में सफल रही। कुछ इसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने भी 1990 के दशक में अपनी हुकुमत जमाई और क्रिकेट में अपनी बादशाहत को कई सालों तक कायम रखा। विराट कोहली की अगुवाई में टीम इंडिया ने पिछले कुछ सालों में विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है, जिसकी लोहा हर कोई मान रहा है। हालांकि, भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को इस पर संदेह है कि यह भारतीय टीम वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया की तरह राज कर पाएगी।
क्रिकेट एनालिस्ट के यूट्यूब शो पर बात करते हुए गावस्कर ने कहा, 'मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूं कि वह (भारतीय टीम) उस तरह से डोमिनेट कर पाएंगे जैसे वेस्टइंडीज ने किया था। वह पांचों मैच जीता करते थे यहां तक की ऑस्ट्रेलिया भी पांच में से चार में जीत हासिल करती थी। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि टीम इंडिया भी ऐसा कर पाएगी क्योंकि उनके पास जबरदस्त टैलेंटेड खिलाड़ियों की टीम है, लेकिन वह कुछ समय पर निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, जो आपने देखा होगा। बस यही वजह है जिसकी चलते मुझे अपनी सांस कुछ हद तक रोकनी पड़ती है। हालांकि, इस टीम की काबिलियत की बात करें तो मुझे लगता है आसमान इनकी लिमिट है।'
गावस्कर ने आगे कहा, 'साफतौर पर क्रिकेट के गेम में सारे 11 खिलाड़ी सफल नहीं होते हैं। लेकिन, अगर उनमें से चार- दो गेंदबाज और दो बल्लेबाज सफल हो जाते हैं तो आप ज्यादा से ज्यादा मैचों में जीत दर्ज करते हैं। और टीम इंडिया यही करने की क्षमता रखती है।' भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त क्रिकेट खेली है। टीम ने ऑस्ट्रेलिया को साल 2018 और फिर 2020 में उसके घर पर टेस्ट सीरीज में शिकस्त दी। इसके बाद कोहली की अगुवाई में टीम ने इंग्लैंड को घरेलू टेस्ट सीरीज में 3-1 से पीटा।
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