तंगहाली का रोना रोने वाले पाकिस्तान ने बढ़ाया रक्षा बजट, सिर्फ सेना पर खर्च होगा कुल बजट का बड़ा हिस्सा | Khabare Purvanchal

इस्लामाबाद. कंगाली में जी रहे पाकिस्तान के पास न तो अरब देशों का कर्ज चुकाने को पैसा है और न ही देश में विकास कार्यों के लिए। कोरोना महामारी के बीच भी पाकिस्तान चीन की दी हुई वैक्सीन से काम चला रहा है लेकिन अभी तक उसने वैक्सीन खरीदी नहीं है। देश में गंभीर खाद्य संकट पैदा होने की चेतावनी दी जा रही है, इस तरह की मगर तंगहाली में भी पाकिस्तान हथियारों पर पैसे खर्च करने से पीछे नहीं हट रहा। इसकी झलक पाकिस्तान के नए बजट में देखने को मिल रही है, जिसका 16 फीसदी से भी ज्यादा हिस्सा रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया है। सिर्फ पाकिस्तानी सेना के लिए आवंटित बजट की बात करें तो यह कुल बजट का 7 फीसदी है। 

पाकिस्तान सरकार ने बीते शुक्रवार को नए वित्त वर्ष के लिए 8 लाख 48 हजार 700 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपए का रक्षा बजट शामिल है जो पिछले साल के मुकाबले 8,100 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले साल पाकिस्तान का रक्षा बजट 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपये का था। बजट दस्तावेज के अनुसार रक्षा व्यय 1,370 अरब रुपये रहने का अनुमान है। मंत्री ने और न ही बजट दस्तावेजों में रक्षा व्यय के बारे में कोई ब्यौरा दिया गया। इसे अक्सर गोपनीय रखा जाता है।


वित्त मंत्री शौकत तारिन ने नेशनल असेंबली में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के विकास कार्यक्रम (पीएसडीपी) के तहत 2,135 अरब रुपये आबंटित किए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले 37 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा, ''हमारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिये जीडीपी वृद्धि दर लक्ष्य 4.8 प्रतिशत है। लेकिन हमने वृद्धि को गति देने के लिये जो उपाय किये हैं, यह उससे अधिक रह सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में 6 से 7 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है।

मंत्री ने श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 20,000 रुपये तय करने की भी घोषणा की। उन्होंने कोरोनो वायरस टीकों की खरीद के लिए 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर और कोविड-19 आपात कोष के लिए 100 अरब रुपये आबंटित करने की घोषणा की।तारिन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की रोकथाम से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 14 अरब रुपये का आबंटन किया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिये व्यय बज को 630 अरब रुपये से बढ़ाकर 900 अरब रुपये कर दिया गया है।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी 60 अरब रुपये
पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि संघीय सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को 60 अरब रुपये उपलब्ध करायेगी। पिछले साल 56 अरब रुपये का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिये 47 अरब रुपये बजट में रखे गये हैं। पिछले साल यह राशि 32 अरब रुपये थी।

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