मुंबई : महानगर मुंबई के प्रतिष्ठित गीतकार,साहित्यकार,पत्रकार विनय शर्मा दीप रविवार दिनांक 4 जुलाई 2021 को सुप्रसिद्ध साहित्यकारा,कवियत्री बहन ममता खरे द्वारा संचालित साहित्यिक पटल "ममता की कलम से" जो राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त संस्था है,जिसकी संस्थापिका ममता खरे जी हैं ,जिन्होंने आमंत्रित किया।आमंत्रित कवि विनय शर्मा दीप वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे सभी साहित्य संस्थाओं के आमंत्रण पर काव्यपाठ करते आ रहें हैं और सभी संस्थाओं द्वारा सम्मान-पत्र से सम्मानित भी हो चुके हैं।दीप जी मूलतः जौनपुर उत्तर प्रदेश से आते हैं जिससे इनकी विधाओं में हिन्दी कविता, मुक्तक के साथ-साथ अवधी मिट्टी की सुगंध भी आती है जो सुगंधित होकर छंद,सवैया से पहचान बनाये हुए हैं।इसी श्रृंखला में एक और सम्मान से सम्मानित होने पर मुंबई,ठाणे,नवी मुंबई के साहित्यकारों के साथ-साथ शुभचिंतकों ने दीप को बधाई एवं शुभकामनायें दी।दीप द्वारा काव्यपाठ करते हुए कुछ चर्चित लाइने इस तरह रही-----
(1)
चले तुफान नभ में तो,परिंदा झूम जाता है।
समंदर के थपेडों से वो साहिल घूम जाता है ।
अगर रूठा हुआ दिलवर,दिलों से दूर जाये तो,
लबों के बोल मीठे हों,तो आशिक
चूम जाता है।।
(2)
इश्क की बात ओ करता,इश्क करता नहीं है ओ।
इश्क तो ओ खजाना है,कभी मिटता नहीं है ओ।
इश्क बाजार में बेची,खरीदी तो नहीं जाती,
सुना है इश्क बंधन में,कभी बंधता नहीं है ओ।।
अंत में पटल की संस्थापिका ममता खरे जी ने आमंत्रित कवि,पत्रकार विनय शर्मा दीप को 'ममता की कलम से' फेसबुक के पटल पर लाइव काव्यपाठ के लिए आध्यात्मिक साहित्यिक प्रस्तुति हेतु " प्रतिभा सम्मान- 2021,प्रज्ञा-रत्न " के मानद सम्मान से अलंकृत किया और उपस्थित सभी साहित्यकारों, श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए काव्यपाठ का समापन किया।
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