राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के हिंदी पखवाड़े में आमंत्रित हुए वरिष्ठ साहित्यकार

 
            
मुंबई । राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के पटल पर गुरुवार 17 सितम्बर को  साहित्यिक व्याख्यान की श्रृंखला में प्रतापगढ़ उ०प्र० से हिंदी साहित्यकार डॉ करुणा शंकर उपाध्याय अपने साहित्यिक व्याख्यान विषय " विश्व में हिंदी का स्थान " पर अपने उत्कृष्ट व्याख्यान से साहित्यकारों को जानकारी दी,उपाध्याय जी प्रतापगढ़ उ०प्र० से हैं,वर्तमान में प्रोफेसर एवं अध्यक्ष (हिन्दी विभाग मुम्बई विश्वविद्यालय) हैं।
पं० दीनदयाल उपाध्याय आदर्श शिक्षक सम्मान,महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य एकादमी का बाबूराव विष्णु पराडकर 
पुरस्कार 2004-05 में,हिंदी सेवी सम्मान 2006,आशीर्वाद राजभाषा सम्मान 2009-12 में
 विश्व हिंदी सेवा सम्मान 2009
जीवंती फाउंडेशन का साहित्य गौरव सम्मान 2014-15,साहित्य भूषण सम्मान,विद्यापति कवि कोकिल सम्मान,पुस्तक भारती संस्थान कनाडा का प्रो० नीलू गुप्ता सम्मान आदि से सम्मानित हो चुके हैं।परिचर्चा के दूसरे सत्र में " राष्ट्र भाषा हिंदी(कल आज और कल) गुरुवार दिनांक 16 सितम्बर 2021 को रखा गया।जिसमें पांच साहित्यकारों में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुंबई महानगर के साहित्यकारों के बीच एक साहित्य स्तंभ के रूप में डॉ.अनंत श्रीमाली जाने पहचाने जाते हैं।जिनकी शिक्षा-एम.ए., पीएच डी,पत्रकारिता में डिप्लोमा
व्यवसाय-सेवा निवृत  सहायक निदेशक,(प्रथम श्रेणी,राजपत्रित अधिकारी) भारत सरकार गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग,मुंबई में कार्यरत हैं।सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग्यकार के साथ कुशल मंच संचालक भी हैं।सुप्रसिद्ध साहित्य मर्मज्ञ, कलमकार प्रेम जनमेजय
वर्तमान दौर की सर्वाधिक चर्चित व्यंग्य विधा के संवर्धन एवं सृजन के क्षेत्र में प्रेम जनमेजय का विशिष्ट स्थान है।व्यंग्य को एक गंभीर कर्म तथा सुशिक्षित मस्तिष्क के प्रयोजन की विधा मानने वाले प्रेम जनमेजय ने पिछले लगभग दो दशक से से 'व्यंग्य यात्रा 'के सम्पादन द्वारा व्यंग्य विमर्श का एक सुदृढ़ मंच तैयार किया है। हिंदी व्यंग्य का विश्वविद्यालय कहे जाने वाले प्रेम जनमेजय की चर्चा के बिना हिंदी व्यंग्य पर बातचीत अधूरी है।इनके लिखे व्यंग्य नाटकों को अपार ख्याति मिली है। 'हिंदी चेतना' 'अनवरत' 'कल्पान्त' 'यू एस एम पत्रिका'आदि ने इनपर एकाग्र प्रकाशित किए हैं। मुम्बई, गुजरात आदि विश्विद्यालयों के पाठ्यक्रम में इनकी रचनाएँ सम्मिलित हुई हैं।बर्दमान विश्विद्यालय,दक्षिण हिंदी प्रचार सभा,उच्च शिक्षा विभाग मद्रास,पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, जीवाजी विश्विद्यालय ग्वालियर आदि में शोध कर रहे ।
मुंबई में रसने वाले वरिष्ठ कलमकार,साहित्यकार संजीव निगम मलाड मुम्बई महारास्ट्र से आते हैं।जिन्होंने एम फिल ( हिन्दी साहित्य),दिल्ली विश्वविद्यालय से की,वर्तमान में  निदेशक -हिन्दुस्तानी प्रचार सभा, मुंबई में कार्यरत हैं।वर्ष 2019 में व्यंग्य संग्रह " साढ़े तीन मिनट का भाषण " पर  महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के आचार्य रामचंद्र शुक्ल स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित। मुंबई के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार अरविंद शर्मा 'राही' 9 अगस्त 1969 को उत्तर प्रदेश के जनपद सुलतानपुर में जन्मे अरविंद शर्मा "राही" ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी इलाहाबाद से सिविल इंजीनियरिंग का अध्ययन करते हुए आर्किटेक्चर एंड टाउन प्लैनिंग में विशेषता हासिल की। विगत 35 वर्षों से लेखन में संलग्न है।महाराष्ट्र सरकार द्वारा अरविन्द राही को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के लब्ध प्रतिष्ठ सम्मान "संत नामदेव पुरस्कार" से सम्मानित किया जा चुका है।सुप्रसिद्ध साहित्यकार, कवि आलोक अविरल पिछले तीस वर्षों से कारपोरेट जगत से जुड़ते हुए साहित्य की सेवा भी बखूबी कर रहें हैं।सभी ने उत्कृष्ट व्याख्यान देकर श्रोताओं, साहित्यकारों को खूबसूरत जानकारी दी।उक्त समारोह का आयोजन,संयोजन राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ” के संस्थापक रामस्वरूप प्रीतम(श्रावस्तवी), सह-संस्थापक व अध्यक्ष अनिल कुमार राही (मुंबई),संयोजक संजय द्विवेदी (कल्याण-महाराष्ट्र), सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर(लखीमपुर खीरी), संरक्षक दिवाकर चंद्र त्रिपाठी “रसिक” (छत्तीसगढ़) एवं मीडिया प्रभारी विनय शर्मा “दीप” (ठाणे-महाराष्ट्र),उपाध्यक्ष सत्यदेव विजय(मुंबई),कोषाध्यक्ष प्रमिला मेहरा किरण,उपसचिव प्रियंका गुप्ता भोर के सहयोग से संपन्न हुआ।अंत में हिन्दी दिवस पर उपस्थित सभी साहित्यकारों को  संस्था द्वारा सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया तथा कार्यक्रम का समापन किया गया।

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