गोवा व दुबई में मनपा अधिकारियों को कराता है, भूमाफियाओं के कैश पर ऐश ?
राज्य की अर्थव्यवस्था को कंगाल कर रहे मनपा अधिकारी व भ-ूमाफिया
अगले खबर में पढ़िए भ्रष्ट प्र-स-आयुक्त राजेंद्र कदम का मनपा से लेकर हवालात तक का सफरनामा की कहानी?
नालासोपारा ( संवाददाता)।वसई-विरार शहर महानगर पालिका के कार्यक्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों की काली कमाई के चलते, भूमाफियाओं के अवैध निर्माणों व सरकारी भूखण्डों तथा वन जमीनों पर अतिक्रमण कर अनधिकृत निर्माणों को संरक्षण व सहयोग आसानी से मिलता जा रहा है। मनपा अधिकारी वन जमीन व महसूल विभाग की जमीनों पर कब्जा कराने तथा उनपर हो रहे अवैध निर्माणों को संरक्षण देकर लाखों की काली कमाई कर मालामाल हो रहे हैं। इसका ताजा तरीन उदाहरण वविश मनपा के प्रभाग समिति 'फ' पेल्हार के कार्य क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माणों के में देखा जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक प्रभाग समिति 'फ' के प्रभारी सहायक आयुक्त राजेन्द्र कदम को अवैध निर्माण कर्ताओं से प्रति वर्ग फुट की दर पर मनमानी वसूली करने में महारथ हासिल है। पेल्हार गांव की सीमा में राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 8 के किनारे (पूर्व) में स्थित उमर कम्पाउण्ड व पश्चिम में मायकल कम्पाउण्ड का अनधिकृत निर्माणों का प्रोजेक्ट लगभग 100 एकड़ के विशाल, भूखण्ड पर चल रहा है। इन अवैध निर्माणो को प्र.स-आयुक्त राजेन्द्र कदम का पूर्ण संरक्षण बताया जाता है कि शिकायतों के उपरांत भी मनपा आयुक्त - गंगाथरण डी एवं अतिरिक्त आयुक्त आशीष पाटिल भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यह है कि शिकायत कर्ताओं के संतोष के लिये मात्र नोटिस जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेते हैं एवं शिकायत कर्ताओं को शीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन थमा कर शान्त कर देते हैं। इसका कारण उक्त दोनों ही कम्पाउण्डों में हो रहे औद्योगिक गालों से मनपा अधिकारियों के नाम पर प्र.स. आयुक्त राजेन्द्र कदम 30-35 लाख की वसूली प्रतिमाह करता।
मनपा के शीर्ष अधिकारियों को राजेन्द्र कदम रिश्वत की मलाई तो खिलाता ही है, साथ ही अतिरिक्त हप्ता वसूल कर मनपा अधिकारियों को गोवा के सुरम्य समुद्री तट अथवा दुबई में ऐश करने का सामान भी तैयार कर देता है। प्र. स. आयुक्त राजेन्द्र कदम अवैध निर्माणों को संरक्षण प्रदान करने की एवज में मनपा अधिकारियों को भूमाफियाओं के कैश पर ऐश भी करा रहा है। जब कि महाराष्ट्र सरकार को प्रतिमाह अवैध निर्माणों के चलते करोड़ों के भू-राजस्व का चूना भी राजेन्द्र कदम लगा रहा है। वह कहता फिरता है कि उसकी सेटिंग मात्र व-वि-श- मनपा के अधिकारियों से ही नहीं बल्कि कई पालक मंत्रियों व नगर विकास मंत्री से भी है। लिहाजा भगवा अधिकारी उसे व उसके भूमाफियाओं को संरक्षण देने को बिबश भी हैं, किंतु अधिकतम प्रभाव उनकी काली कमाई की लालच बताई जाती है। साथ ही भूमाफियाओ के कैश पर ऐश' का आकर्षण भी उन्हें ईमानदारी पूर्वक , कर्तव्य निर्वाह करने से रोकता है।
राजेन्द्र कदम अक्सर यह गुनगुनाता हुआ सुना गया 'है कि "सोना कितना सोना है सोने जैसा मेरा मन" स्थानीय लोगों ने इस गीत की पंक्ति को बिल्डरों से सेटिंग करने के लिए अपनाया जाने वाला "कोड वर्ड" बताया है, जिसका उपयोग राजेन्द्र कदम भूमाफियाओं से सेटिंग के लिये करता है। मनपा आयुक्त गंगाथरन डी. व अतिरिक्त आयुक्त भी सोना (काली कमाई) वसूलने में मस्त हैं। यदि उक्त दोनों ही अधिकारी 'सोना बटोरने' का अपना मोह भंग कर ईमानदारी से अपने अधिकारों व कर्तव्यों का अनुपालन करते तो शायद 'उमर कम्पाउंड व मायकल कम्पाउण्ड' जैसे अनधिकृत निर्माणों का अस्तित्व ही न रहता।
महाभ्रष्ट रिश्वतखोर प्र. स.आयुक्त राजेन्द्र कदम गैर कानूनी कार्यों व धंधों को संरक्षण देने के मामले में काफी मशहूर है, यही कारण है कि भूमाफिया, उनके दलाल बेखटके राजेन्द्र कदम से संपर्क करते हैं। चर्चा है कि जब मनपा अधिकारी ही बिकाऊ है तो उसे खरीदने में भूमाफियाओं व दलालों को कोई खटका व भय नहीं होता इसके पूर्व प्र. स.आयुक्त राजेन्द्र कदम प्रभाग समिति 'जी' वालीव क्षेत्र में 200 से अधिक उपयोगी व हरे भरे पेड़ों को भूमाफियाओं से कटवा चुका है, जिनकी किसी भी प्रकार की परमीशन वनविभाग से नहीं ली गई है।
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