जौनपुर। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं,जो शाम को चांद देखने के बाद पूरा होता है।करवा चौथ का व्रत अपने नियमों को लेकर बेहद कठिन माना जाता है। इस व्रत को लेकर तमाम नियम हैं, जिन पर ध्यान देना जरूर है. ऐसा ही अहम नियम है कि इस दिन हर व्रती महिला को करवा चौथ की कथा जरूर सुननी चाहिए।
प्राचीन कथा के अुनसार एक गांव में करवा देवी अपने पति के साथ रहती थीं।एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने के लिए गए, स्नान करने के दौरान मगरमच्छ ने करवा के पति का पैर पकड़ लिया और खींचकर नदी में अंदर की ओर ले जाने लगा।इस दौरान पति ने अपनी रक्षा के लिए पत्नी को पुकारा, पति की आवाज सुनकर करवा नदी के किनारे पहुंच गईं और मगरमच्छ को एक कच्चे धागे से पेड़ से बांध दिया करवा के सतीत्व की वजह से मगरमच्छ हिल तक नहीं पाया।इसके बाद करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति का जीवन दान मांगा और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए कहा।यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन तुम्हारे पति की आयु पूरी हो गई है।यमराज की ये बात सुनकर करवा क्रोधित हो गईं और उन्होंने कहा कि यदि उनके पति के प्राणों को कुछ हुआ, तो वे शाप दे देंगी।सती के शाप से डरकर यमराज ने मगरमच्छ को यमलोक भेज दिया और करवा के पति को जीवन दान दे दिया। साथ ही करवा को सुख-समृद्धि का वर दिया और कहा 'जो स्त्री इस दिन व्रत करके करवा को याद करेगी, उनके सौभाग्य की मैं रक्षा करूंगा।ऐसा कहा जाता है कि इस घटना के दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि थी,तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।
इसी कड़ी में करवा चौथ व्रत रखने की परंपरा रविवार दिनांक 24 अक्टूबर 2021 को मुंबई से लेकर जौनपुर तक महिलाओं को करवा चौथ का व्रत व पूजा करते हुए देखा गया। इस परंपरा के दृश्य को मुंबई के पत्रकार विनय शर्मा दीप में यह सूचना दी।
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