मुंबई। आज के युग में ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना बहुत मुश्किल है। फिर भी समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोग आए दिन ईमानदारी की मिसाल पेश करते रहते हैं। मुंबई में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट भरने वाले देवराज विष्णु परब एक ऐसे ही ईमानदार व्यक्ति के रूप में सामने आए हैं। वे अब तक अपने रिक्शा में यात्रियों द्वारा छोड़े गए अट्ठारह मोबाइल फोन लौटा चुके हैं। 29 जनवरी को शाम 4:30 बजे मुंबई महानगरपालिका में कार्यरत दिनेश शर्मा घाटकोपर से जोगेश्वरी जाते समय जल्दी बाजी में परब के ऑटो रिक्शा में अपने मोबाइल भूल गए। जागृति नगर मेट्रो स्टेशन पर वे ट्रेन का इंतजार कर रहे थे तभी स्टेशन पर लगे माइक पर उनके नाम की घोषणा हुई। उनसे स्टेशन के कार्यालय में आकर मोबाइल ले जाने को कहा गया। तब उनको ध्यान आया कि उनकी मोबाइल रिक्शा में ही छूट गई थी। दौड़े-दौड़े शर्मा रेलवे स्टेशन के कार्यालय में पहुंचे तो वहां रिक्शा चालक परब उनकी मोबाइल लेकर खड़ा था। परब ईमानदारी से प्रभावित खोकर शर्मा ने न सिर्फ उन्हें धन्यवाद दिया अपितु उन्हें कुछ पुरस्कार राशि भी दी। परब ने बताया कि अब तक वे अपने रिक्शा में छूटे हुए 18 लोगों का मोबाइल फोन लौटा आ चुके हैं। अन्य लोगों को भी परब की ईमानदारी से सबक लेनी चाहिए।
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