मुंबई। आज पूरा देश 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रहा है। युवा होने के नाते आज मेरा भी मन युवाओं की सोच को पेपर और पेन के माध्यम से आप सभी के बीच रखने को कर रहा है। हमारा देश युवाओं का देश है और किसी भी देश का भविष्य उस देश की युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। इसका उदाहरण हम स्वतंत्रता संग्राम में देख चुके हैं। क्या कभी हम देश के आजादी की कल्पना भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस, राजगुरु, सुखदेव जैसे लाखों युवा स्वतंत्रता सेनानियों के बिना कर सकते थे? मेरे हिसाब से तो बिल्कुल भी नहीं। एक युवा की सबसे बड़ी ताकत उसकी फौलादी इच्छा शक्ति होती है। देश का युवा जितना जोशीला होगा उस देश का भविष्य उतना ही तेजी से विकास करेगा। युवा जोश और ताकत से पूरी तरह भरा होता है। स्वामी विवेकानंद जी ने अपने जोश और विवेक से ही भारत को विश्व गुरु के रूप में पहचान दिलाई। अपनी इतनी कम आयु में भी आज लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। युवा की विशेषता यही है कि उसके काम में तेजी, फुर्ती, एक नया जोश और ऊर्जा से भरपूर होता है लेकिन यहां यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि युवा उतना ही अनुभवहीन होता है। इस स्थिति में हम युवाओं से बड़े जिन्हें हम बुजुर्ग कहते हैं उनका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इनके सही मार्गदर्शन से ही युवाओं का सही रास्ते पर प्रयोग किया जाना संभव है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में दोनों वर्गों के बीच काफी दूरियां नजर आती है। हमारी युवा पीढ़ी जिसे अपने बुजुर्गों से, उनके कौशल आदि से सीखने की जरूरत है उससे दूर होते चले जा रहे हैं। आज का आधुनिकीकरण दोनों वर्गों में एक दीवार बनकर खड़ा नजर आ रहा है। युवा अपना ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल या अन्य बेकार व बेमतलब की चीजों पर दे रहे हैं। इस आधुनिकीकरण का बेहतर प्रयोग देश की तरक्की में भी किया जा सकता है। इसका प्रयोग तो हो रहा है लेकिन जितना युवा है उसके के हिसाब से बहुत कम है। सोशल मीडिया का प्रयोग सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि इसका प्रयोग सामाजिक हित में किया जाना चाहिए। आप सबको मालूम होगा कि समाचार पत्रों और रेडियो के माध्यम से भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जी ने लाखों भारतीयों की चेतना जगाई थी। अतः समाज के हर एक युवा को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और कोई भी काम व्यक्तिगत लाभ के साथ साथ सामाजिक और देशहित में भी करना होगा। आपका परिवार तभी खुशहाल होगा जब देश समृद्ध होगा। हर एक युवा को अपना योगदान अपने व्यक्तिगत लाभ के साथ-साथ सामाजिक और देशहित में भी देना होगा।
अखिलेश सिंह
उप निरीक्षक, सीआईएसएफ,मुंबई
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