भदोही। जिला मुख्यालय के पास स्थित जोतराम दत्त में दयाशंकर शुक्ल के यहां आयोजित संगीतमय प्रवचन में महाराष्ट्र से पधारे कथावाचक कुणाल जी महराज ने रविवार को अपने कथा में भगवान के विभिन्न अवतारों की कथा बडे ही मार्मिक और भाव से किया। कथा के दौरान बीच बीच में संगीतमय भजनों से उपस्थित श्रोता भक्त भक्ति में झुमने लगे।
कुणाल महराज ने कहा कि जिस पर भगवान की कृपा होती है वही भगवान की भक्ति पाता है बाकी लोग तो केवल संसार के बंधन में खुद को परेशान रखते हैं। कहा कि भगवान की लीला का कोई पार नही है। केवल भगवान की श्रद्धा और भक्ति से पाया जा सकता है। कहा कि जो गंगा भगवान के चरणों की दासी है वही गंगा केवट राम संवाद के समय खुद ऊहापोह में हो जाती है और भगवान के चरित्र की भूरि भूरि प्रसंशा करती है। कहा कि वह भाग्यशाली है जिस पर भगवान की कृपा होती है। जो भगवान को जान लेता है वह संसार के बंधनों के मोह में नही पड़ता है। कुणाल जी महराज ने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम तभी बने जब मां सीता ने अपनी मर्यादा बनायी रखी। इसलिए पुरुषो की मर्यादा को बनाया रखने में महिलाओं की बहुत जरूरी है। भगवान से जो मांग लेता है उसे कम मिलता है जबकि न मांगने वाले को बहुत कुछ मिलता है।
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