मुंबई। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स प्रोफेशनल बनने का सपना संजोए, इस परीक्षा के लिए अपना सबकुछ झोंक देने वाले मेरिट होल्डर्स वर्तमान में अपने जीने का अधिकार हासिल कर रहे हैं। मामला मुंबई समेत देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान जे के शाह क्लाॅसेस से जुड़ा हुआ है। इस संस्थान में करीब 8 से 11 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले सीईओ पद पर कार्यरत सीए आशीष शाह, प्रोफेसर सीए सागर बोरा, सीए धवल पुरोहित, सीए करन शेठ, सीए राहुल मोदी, सीए कल्पेश मेहता, सीए हिमांशु पटेल तथा परशुराम ठाकुर देसाई ने कुछ नया करने के उद्देश्य से जे के शाह कोचिंग क्लाॅसेस से अलग होकर मार्च, वर्ष 2021 में कोविड-काल में एड्नोवेट क्लाॅसेस की शुरुआत की। यह सभी नामचीन प्रोफेसर हैं, और सीए के विद्यार्थियों में इनका बड़ा नाम है। गोल्ड मेडलिस्ट सीए प्रोफेशनल्स युवाओं की कड़ी मेहनत के फलस्वरूप वर्तमान में एड्नोवेट क्लाॅसेस से वर्तमान में न सिर्फ मुंबई, अपितु देश के कोने-कोने से कक्षा 11वीं से सीए फाईनल ईयर के 2,500 से अधिक विद्यार्थी जुड़कर आनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे हैं। एड्नोवेट प्रवक्ता के मुताबिक इस क्षेत्र में मोनोपोली रखने वाले जे के क्लाॅसेस को उनकी यह सफलता रास नहीं आ रही है, और उनके एड्नोवेट क्लाॅसेस को बंद कर वापस अपने पास लौटने के लिए मानसिक दबाव बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके एक सहयोगी सीए धवल पुरोहित को गबन के झूठे मामले में फंसा कर छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद करा दिया गया है, जबकि पुलिस में दर्ज एफआईआर में उनके नाम तक का उल्लेख नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके क्लाॅसेस में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को फोन कर, झूम मीटिंग लेकर, उनके बीच एड्नोवेट क्लाॅसेस शीघ्र बंद होने का भ्रम फैलाने के साथ ही जे के शाह क्लाॅसेस में एडमिशन लेने को कहा जा रहा है। यहां तक की कई विद्यार्थियों को गूगल फार्म भेजकर उनके फीस वापस दिलाने तथा उक्त फीस की राशि जे के शाह क्लाॅसेस में सीधे जमा कराने की गारंटी भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जे के शाह क्लाॅसेस छोड़ने के बाद उन सभी के ऊपर मुंबई हाईकोर्ट में सिविल मैटर दाखिल किया गया, जहां माननीय न्यायाधीश पटेल की खंडपीठ ने उन सभी के पक्ष में निर्णय दिया है, बावजूद मानसिक प्रताड़ना का दौर थमता नहीं दिख रहा है। इस मानसिक प्रताड़ना से त्रस्त होकर एड्नोवेट क्लाॅसेस से जुड़े सीए कल्पेश मेहता तथा परशुराम ठाकुर देसाई ने खुद को इस संस्थान से इस्तीफा भी दे दिया है। उन्होंने बताया कि उक्त संस्थान द्वारा सेटलमेंट का भी दबाव बनाया जा रहा है, जिसमें एड्नोवेट क्लाॅसेस बंद कर सभी विद्यार्थियों को उक्त संस्थान में ट्रांसफर करने, सभी प्रोफेसरों को वापस काम पर लौटकर 5 साल का एग्रीमेंट करने, न लौटने की स्थिति में 6 महीने तक कहीं भी कोई कार्य न करने अर्थात पूरी तरह से बेरोजगार रहने जैसी जटिल शर्तों का समावेश है। इनका कहना है कि एक ओर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत का नारा बुलंद कर युवाओं से एंटरप्रोयर बनने की अपील कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम सभी ने कुछ अलग करने की कोशिश की, तो हमें अपने क्लाॅसेस को बंद करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, आखिर यह कहां का न्याय है। एड्नोवेट प्रवक्ता ने बताया कि एड्नोवेट क्लाॅसेस में करीब 70 लोगों को रोजगार हमने दिया है, जिससे उनका घर-परिवार चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने सभी को अपने ढंग से जीवन जीने का अधिकार दिया है, तो फिर हमारे ऊपर आखिर तरह-तरह का दबाव क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्रालय में भी ईमेल के जरिए की है। हमारी गुजारिश है कि जे के शाह क्लाॅसेस स्वस्थ स्पर्धा करे, न कि हम जैसे प्रोफेशनल्स का कैरियर नष्ट करने का प्रयास करे। उनका कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नए क्लाॅस को दबाया जा रहा है। पहले भी कोचिंग इंस्टीट्यूट की आवाज दबाई गई है, या उन्हें अपने इंस्टीट्यूट को बंद करना पड़ा है।
जे के शाह क्लाॅसेस के प्रवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए उन पर अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने का ठीकरा फोड़ा है। जे के शाह क्लाॅसेस के प्रवक्ता ने कहा कि सेंटर इंचार्ज धवल पुरोहित ने छत्तीसगढ़ के रायपुर क्लाॅसेस की जिम्मेदारी संभाल रहे अभिनंदन बाफना के साथ विद्यार्थियों की फीस तथा अन्य प्रशासकीय खर्चों में करोडों की हेराफेरी की है, जिसका भंडाफोड़ फाॅरेंसिक आडिट के दौरान हुआ है। रायपुर पुलिस की चार्जशीट में इन सभी चीजों का उल्लेख है। उन्होंने जयपुर ब्रांच में भी 40 से 45 लाख की घपलेबाजी की बात कही है। इन सभी बातों को एड्नोवेट प्रवक्ता ने झुठलाते हुए कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश के तहत रचा गया षड्यंत्र है, पर हम सच की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि सभी को एक दिन सत्य पता चलेगा।
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