प्रभाग समिति ,'सी' व 'एफ' में अवैंध निर्माणों पर तोड़क कार्यवाई का दिलचस्प नाटक ?


चुनिदा अवैंध निर्माणों पर करवाई बाकि को अर्थपूर्ण सरक्षण क्यों ? जनता का ज्वलंत सवाल

वसई (संवाददाता) वह जग जाहिर तथ्य है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं पर किसी प्रकार के आरोप लगाना कठिन होता है। इसी कारण वविश मनपा आयुक्त ने कुछ नाकारे अधिकारियों को हटा कर महिला अधिकारियों की नियुक्ति की है, जो अब  तक कई स्थलों पर अनधिकृत  निर्माणों पर तोड़कर करवाई कर चुकी है। जिसे पालिका प्रशासन द्वारा 'तोड़क कार्रवाई'  का हास्यास्पद नाटक  माना जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वालीव विभाग  में प्र. स. आयुक्त के पद पर ही में नियुक्त नीलम निजाई  ने बापाने तथा शिलोत्तर  स्थित अनधिकृत  निर्माणों के विरुद्ध कारवाई करते हुए बापणे  सर्वे क्रं 42 , 43 पर बने 24 अनधिकृत रूम व 60 अनधिकृत  पिलर्स जमी  दोज किया है। इसके आलावा  शिलोत्तर  में सर्वे क्र.  33 , 36 में अवैधबने 2 गालों को धराशायी  करने का कार्य किया है। वालीव , विभाग में निर्माणाधीन व बन चुके सैकड़ों अनिधिकृत  निर्माणों को छोड़ दिया है।

इसी तरह बताया जाता है कि आयुक्त अनिल पवार एवं अति आयुक्त आशीष पाटिल के आदेश पर प्रभाग 'सी' के  प्र स आयुक्त गणेश  पाटिल ने 'कुंभार पाड़ा 'के कुछ चुनिंदा अवैंध  निर्माणों के विरूद्ध  तोड़क कारवाई की है। जबकि उसी क्षेत्र में बने अन्य भूमाफियाओं के अवैध निर्माण मनपा प्रशासन को ललकारते, मुंह चिढ़ाते  खड़े हैं, क्योंकि उन्हें मनपा  अधिकारियों का  अर्थपूर्ण संरक्षण प्राप्त है। प्रबुद्ध नागरिकों  का कहना है कि यदि मनपा अधिकारी अपने  कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन  करें तो उनके क्षेत्र में अवैध निर्माण हो ही नहीं सकता। यदि मनपा अधिकारी अवैंध  निर्माणों को रोक  पाने में अक्षम हैं तो उन्हें कार्यवाही के लिए तहसीलदार व प्रांतधिकारी को सुपुर्द कर देना चाहिए। संभव है कि वे अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने में कामयाब हो जाये ?

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