ओबीसी आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं हैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे–प्रतिक कर्पे

मुंबई। जातिपाति की राजनीति न करते हुए संपूर्ण समाज को साथ लेकर जाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है। लेकिन, इस सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बेकार योजना व गंभीरता के अभाव के कारण राज्य में ओबीसी समाज का आरक्षण बनाए रखने में राज्य सरकार असफल रही है। 'वर्क फ्रॉम होम' में व्यस्त रहे मुख्यमंत्री ने इसे लेकर गंभीरता नही दिखाई इसलिए ओबीसी समाज पर ये समय आ गया है। ऐसी सख्त टिप्पणी भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रतिक कर्पे ने की।राज्य सरकार ने ओबीसी समाज का बड़ा नुकसान किया है। कोर्ट में इन दो सालों में योजनाबद्ध तरीके से ट्रिपल टेस्ट को पार किया होता तो यह समय नही आता। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने बार-बार पत्राचार करते हुए मुख्यमंत्री को इसकी याद दिलाई थी। इन सब के लिए राज्य सरकार की गलत नीति जिम्मेदार है। यह राज्य सरकार के लिए झटका नहीं है, यह ओबीसी समुदाय के लिए एक झटका है। उद्धव ठाकरे ने विपक्षी दलों के नेताओं को फंसाने के चक्कर में ओबीसियों के इंपेरिकल डेटा को तैयार ही नहीं किया। अंत में ठाकरे सरकार के बहानों को सुनकर कंटाल गए सुप्रीम कोर्ट ने 2 सप्ताह में चुनाव घोषित करने का आदेश दिया है। श्री कर्पे ने कहा कि, राज्य सरकार की ओबीसी विरोधी रुख की भूमिका समझ से परे है। ओबीसियों की लड़ाई में एकजुटता बनाए रखने का आवाहन श्री कर्पे ने किया है।

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