रासबिहारी पांडे की शोध पुस्तक रामचरितमानस की अंतर्कथाएं का लोकार्पण संपन्न


मुंबई। रास बिहारी पाण्डेय की शोध पुस्तक 'रामचरितमानस की अंतर्कथाएं' का लोकार्पण  शज़ाम स्टूडियो,अंधेरी में लोकप्रिय अभिनेता और कवि शैलेश लोढ़ा ने किया।  उन्होंने कहा कि मानस की अंतर्कथाओं से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को सुगम और सरल बना सकते हैं। वरिष्ठ साहित्यकार नंदलाल पाठक ने कहा- ये अंतर्कथाएं हमारे जीवन में मशाल की तरह हैं। भारतीय मूल्यों को संरक्षित करने में रामकथा का सबसे बड़ा योगदान है।मशहूर उद्घोषक हरीश भिमानी ने मानस की अंतर्कथाओं को ऑडियोबुक के रूप में सहेजने की ज़रूरत बताई ताकि नई पीढ़ी इस सांस्कृतिक विरासत को समझ सके। फ़िल्म लेखक दिलीप शुक्ला के अनुसार भारत में जन्म लेने वाले व्यक्ति का पहला वास्ता राम से ही पड़ता है। 
नीता वाजपेयी और विधि जैन ने मोहक अंदाज़ में पुस्तक की दो कथाओं का पाठ किया। इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में अभिलाष अवस्थी, आशकरण अटल,भारतेंदु विमल,देवमणि पाण्डेय, गुलशन मदान, दीप्ति मिश्र, अर्चना जौहरी, अनिल गौड़, सतीश शुक्ला रक़ीब, शिवदत्त अक्स, सुरेश शुक्ला, राजेश ऋतुपर्ण, राजू मिश्र कविरा, वर्षा सिंह, प्रदीप मिश्र, आकाश ठाकुर आदि कवियों ने विविधरंगी कविताएं सुनाईं। सुनील पॉल ने करोना काल की परिस्थितियों पर हास्य व्यंग्य के रंग बिखेरे। पुस्तक प्राप्त करने के लिए Rasbihari Pandey  से मो. 9220270437 पर सम्पर्क किया जा सकता है.

Post a Comment

0 Comments