मुंबई। महाराष्ट्र राज्य के जिला मुंबई उपनगर मलाड में नद्दी रामपुर की रहनेवाली श्रीमती पुष्पलता गिरजा शंकर शर्मा का पुत्र जो जन्म से विकलांग था। श्रीमती पुष्पलता गिरजा शंकर शर्मा और सीमा शर्मा दो बहन ही थी। कोई भाई नहीं था। जिसके कारण गिरजा शंकर मुंबई में मकान नहीं होने के कारण घर जवाई बनकर मुंबई में अपनी ससुराल श्रीमति पुष्पलता शर्मा के घर पर घरजवाई बनकर रहता था। श्रीमती पुष्पलता शर्मा के पिता के मरणोपरांत गिरजा शंकर शर्मा अपने ससुर का मकान अपने नाम करवाना चाहता था। श्रीमती पुष्पलता शर्मा की मां अपनी छोटी बेटी की शादी का हवाला देते हुए दामाद गिरजा शंकर शर्मा के नाम मकान करने से इनकार करने दी। इससे बौखलाए गिरजा शंकर शर्मा पत्नी श्रीमती पुष्पलता शर्मा और एक लड़की और एक विकलांग लड़का ससुराल में छोड़कर , बिना बताए नद्दी रामपुर जौनपुर उत्तर प्रदेश अपने गांव चलें गया और जौनपुर में चंद समाज सेवक गिरजा शंकर शर्मा की शादी अपने संबंधित के लड़की से करवा दिया। श्रीमती पुष्पलता शर्मा को जब यह बात मालूम पड़ा तब अपने विकलांग बेटे और बेटी के लिए न्याय मांगने उन नाई समाज सेवियों से गुहार लगाई मगर समाज के बहन बेटियों के दलालों के आगे हार कर मेहनत मजदूरी करके अपने विकलांग बेटे की दवा और बेटी के लालन पालन करते सत्ताईस साल बिता दी और अपने हक अधिकार की लड़ाई अपने पति गिरजा शंकर शर्मा से लड़कर मुंबई बांद्रा कोर्ट से जीत ली। मगर सत्ताईस साल बाद कुछ दिनों से भयंकर बिमारी से ग्रसित पुष्पलता गिरजा शंकर शर्मा का विकलांग बेटा कांदिवली शताब्दी अस्पताल में दम तोड़कर इस दुनिया से अलविदा कह गया।
अपने कायर पिता के करतूतों को बताते हुए श्रीमती पुष्पलता गिरजा शंकर शर्मा की बेटी अंजली गिरजा शंकर शर्मा ने जिस भाई के हाथों में रक्षाबंधन बांधती रही, आज मलाड ईस्ट कुरार विलेज के श्मशान में मुखाग्नि दी।बहन अंजली गिरजा शंकर शर्मा अपने भाई के चिता को मुखाग्नि देते हुए कायर पिता को अग्नि भी नसीब हो और नाई समाज के चंद कथित समाज सेवियों को भी अपने बेटे की चिता को मुखाग्नि देना नसीब नहीं हो ,कहकर फूट फूटकर रोने लगी। श्मशान भूमि पर मौजूद जनता अंजली गिरजा शंकर शर्मा के द्वारा भाई को मुखाग्नि देने का दृश्य देखकर आंखों से आंसूओं को रोक नहीं पाए। यह जानकारी महाराष्ट्र राज्य शिक्षक सेना के मुंबई पश्चिम विभाग महासचिव राजेंद्र प्रसाद ठाकुर ने दी हैं।
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