मुंबई।मध्य रेल प्रशासन के एक गलत फैसले से विद्याविहार में 32 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. अब 5 साल पहले बनाया एस्क्लेटर को नए रेलवे ओवर ब्रिज के कारण ध्वस्त किया जानेवाला है। मध्य रेलवे द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को दी गई जानकारी के अनुसार विद्याविहार पश्चिम में एस्क्लेटर का निर्माण 31 दिसंबर 2016 को किया गया था और इस पर 30 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। उक्त एस्क्लेटर को तोड़ने के लिए रेलवे द्वारा 2 लाख रुपये खर्च किए जानेवाले हैं। ज्यादातर समय बंद रहने वाले एस्क्लेटर के बारे में मध्य रेलवे ने कहा कि मशीन के निचले हिस्से में पानी घुस जाने से एस्क्लेटर काम नहीं कर रहा था और एस्क्लेटर का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. पूर्वी खंड में 2 नए एस्क्लेटर लगाए जाएंगे और रेलवे ओवर ब्रिज के साथ एस्क्लेटर की कोई बाधा नहीं है।
अनिल गलगली के अनुसार शुरू में गुणवत्ता का रखरखाव नहीं किया गया था और प्रस्तावित ओवर ब्रिज पर विचार नहीं किया गया था। रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण में बाधा आने से एस्क्लेटर तोडने पर 2 लाख रुपये तोडक कारवाई पर खर्च होंगे और 30 लाख एस्क्लेटर के निर्माण पर खर्च किए गए हैं. प्रस्तावित ओवर ब्रिज कार्य के बावजूद एस्क्लेटर बनाने की क्या आवश्यकता थी? यह सवाल पूछते हुए गलगली ने दावा किया है कि ज्यादातर समय एस्क्लेटर बंद रहता था। इससे लोगों को कोई सुविधा नहीं मिली, बल्कि 32 लाख पानी की तरह बहाये जा चुके हैं। गलगली ने इसकी जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर उनके वेतन से 32 लाख रुपये की वसूल करने की मांग की हैं।
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