वसई। गर्भावस्था से प्रसूति तक जरूरतमंद महिलाओं को समय समय पर योग्य इलाज नहीं मिलने से गर्भवती महिला और बाल शिशु मृत्यदर आएदिन बढ़ रहा था. इस मृत्य दर को कम करने और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने हेतु केंद्र सरकार देश भर में अलग अलग कार्यक्रम और योजनाएं लागू की जा रही है. इसी के तहत जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम नाम की योजना शुरू की गई है. इस योजना में गर्भावस्था से लेकर प्रसूति तक और शिशु के जन्म के बाद 30 दिन तक लगनेवाला पूरा इलाज का खर्च शासन कर रहा है. लेकिन दुर्भाग्य से वसई तालुका की जरूरतमंद गर्भवती महिलाएं इस योजना से वंचित हो रही है. आरोग्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक महीने में करीबन 300 गर्भवती महिलाओ का सिजेरियन द्वारा प्रसूति की जाती है. लेकिन वैधकिय आरोग्य विभाग के पास एनेस्थेटिक (संवेदनाहारी) चिकित्सक नही होने के कारण जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं के परिवार को इसके लिए 2000 रुपए चुकाना पड़ता है जिस की पावती भी नही दी जाती. इसी प्रकार सेनेटरी पैड, ग्लव्स जैसी सामग्री के लिए भी 1200 से 1500 रुपए खर्च करने पड़ते है. जरूरतमंदों के लिए योजना होने के बावजूद भी यदि गर्भवती महिला को करीबन 3500 खर्च करना पड़ रहा है तो महीने में 300 महिलाओ से 10 लाख 50 हजार की और सालाना करीबन 1 करोड़ 26 लाख की लूट हो रही है. यह लूट भ्रष्टाचार को तो भेट नही चढ़ रही इसकी भी जांच होनी जरूरी है.
इसलिए इस गंभीर विषय को लेकर भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने मनपा आयुक्त को लिखित पत्र द्वारा सवाल किया है. बारोट का कहना है की क्या हमारी मनपा में "जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम" योजना लागू नहीं है क्या? यदि जोजना लागू है तो जरूरतमंद गर्भवती महिलाओ को इस योजना के तहत इन सब खर्चा में राहत क्यू नही मिलती? मनपा वैधकीय आरोग्य विभाग की लापरवाही के कारण एनेस्थेटिक (संवेदनाहारी) चिकित्सक नही है तो इसका जुर्माना जरूरतमंद गर्भवती महिला का परिवार क्यू चुकाए? इसका जवाब बारोट ने तालुका के नागरीको की ओर से आयुक्त से मांगा है.
बारोट ने ये भी मांग की है की, जरूरतमंद गर्भवती महिलाओ की हो रही लूट को रोकने के लिए तुरंत एनेस्थेटिक (संवेदनाहारी) चिकस्तक की नियुक्ति की जाए, इसी प्रकार जब तक डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होती तब तक एनेस्थेटिक (संवेदनाहारी) चिकित्सक के लिए लगानेवाला खर्च जरूरतमंद गर्भवती महीला के परिवार से वसूल ने की जगह जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम योजना के तहत मनपा इसका भुगतान करे।
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