जहां प्रेम नही है वहां ज्ञान बेकार है- शिवश्याम महाराज


भदोही। ऊंज क्षेत्र के कुरमैचा में चल रहे श्रीमदभागवत कथा के संगीतमय प्रवचन में वृंदावन से पधारे कथावाचक शिवश्याम महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि दुष्ट व्यक्ति की कृपा भी दुखदायी होता है। इसलिए दुष्टों की संगति से हमेशा बचना चाहिए। महराज ने कहा कि चंदन और तिलक लगाने से सभी पापों और विपत्तियों का नाश हो जाता है और साक्षात लक्ष्मी का निवास होता है। महाराज ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण को मथुरा पहुंचने पर कुबजा पर कृपा, हाथी का वध की कथा कही। बताया कि हाथी का वध करने के बाद कंस के दरबार में भगवान श्रीकृष्ण और बलराम कंस के रंगशाला में पहुंचते है।कंस के रंगशाला में लोग भगवान श्रीकृष्ण को अलग अलग ढंग से दिखने लगे। जबकि भगवान श्रीकृष्ण कंस को काल की तरह दिखते है। रंगशाला में कंस के योद्धाओं और भगवान श्रीकृष्ण के बीच भीषण युद्ध हुआ और चारूण को मुक्ति मिल गई। तत्पश्चात कंस का भी भगवान वध करके उद्धार करते है। बताया कि गुरू संदिपनि के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते है। महराज ने प्रवचन में बताया कि जहां प्रेम नही है वहां ज्ञान किस काम का है।प्रवचन में पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी ने महाराज जी का माल्यार्पण करके आशीर्वाद प्राप्त किया। महाराज जी ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष को स्मृति चिह्न देकर आशीर्वाद दिया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, डाॅ राकेश दूबे, राममोहन मिश्र, रामराज मिश्र, ओम प्रकाश तिवारी, राजेश दूबे, राहुल दूबे, विमल मिश्र, जयशंकर तिवारी, नंदनाथ  तिवारी, संतोष तिवारी, अंकित पाण्डेय और देवेश पाण्डेय समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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