तुम खामोश मैं चुप

कुछ कहना था
कुछ तो सुनना था
पर तुम खामोश
मैं चुप

तन्हाई बोल पड़ी
अश्को से रोज मिली
रही अधूरी फिर भी
तुझमे आकर
तेरी होकर
हो जाती फिर पूरी
पर 
तुम खामोश
मैं चुप 

एक किस्सा था
जो अनसुना था
एक वादा जो
टूटा था
एक प्यार जो
आधा था 
हो जाता पूरा
पर
तुम खामोश
मैं चुप

"मीनाक्षी पाठक "©️®️

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