ईश्वर में चित्त लगाने से मन के सारे विकार दूर हो जाते हैं – पाराशर महाराज

 

रानीगंज । माता सुरुचि की वाणी से क्षुब्ध होकर भक्त ध्रुव ने श्री हरि विष्णु का ध्यान कियाl ध्रुव की भक्ति से विवश होकर भगवान विष्णु ने उन्हें परम पद दियाl ईश्वर में चित्त लगने से मन के सारे विकार मिट जाते हैं और मार्ग के अवरोधक भी सुगम हो जाते हैंl ईश्वर से नाता जुड़ते ही मृत्यु का भय समाप्त हो जाता हैl और ईश्वर समस्त कष्टों से उसकी रक्षा करते हैंl उस जीव को सांसारिक वस्तुओं का कोई लोभ नहीं रहता हैl
  यह प्रसंग श्री रामजानकी मंदिर बरहदा, रानीगंज में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथाव्यास डॉ. श्यामसुंदर पाराशर जी महाराज ने कही l मुख्य यजमान पंकज मिश्रा व समस्त भक्तों के समक्ष उन्होंने ध्रुव व सती चरित्र की कथा का वर्णन कियाl उन्होंने कथा में कहा कि ईश्वर के सम्मुख होने से जीव संसार की विकृतियों से मुक्त हो जाता हैl जब प्रभु श्री राम समुद्र पर सेतु का निर्माण कर रहे थे तो समस्त जलचर भगवान राम के मुख को देख मोहित हो गए, और उनकी तरफ निहारने लगेl जिससे उनका ईश्वर से साक्षात्कार हुआ और उनके अंदर के सारे अवगुण दूर हो गए l ईश्वर के सम्मुख जाने का सबसे सरल और सुगम मार्ग सत्संग हैl सत्संग और भजन कीर्तन करते हुए मनुष्य सांसारिक वासना का त्याग कर ईश्वर का उपासक हो जाता है l कथा के आयोजक पंकज मिश्रा ने बताया कि यह कथा 4 दिसंबर तक चलेगी और 5 दिसंबर को महाप्रसाद का आयोजन किया गया हैl कथा के दौरान भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहेl

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