मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सद्भावना संत सम्मेलन संपन्न

 

वसई। मानव उत्थान सेवा समिति, श्री हंस विजय नगर आश्रम वसई पूर्व द्वारा आयोजित सद्‌भावना संत सम्मेलन महानगरपालिका बाल उद्‌यान, शीतल नगर, आगाशी रोड, विरार पश्चिम में रविवार को संपन्न हुआ । जिसमे मुंबई से पधारे महात्मा भूमिका बाईजी, महात्मा अगोचरा बाईजी ने जीवन में सत्संग का महत्त्व और भगवान को पाने का मार्ग भक्तों को बताया । तत्पश्चात महात्मा समानंद जी ने सत्संग सुनाते हुए कहा कि भगवान की महिमा गाने के लिए भगवान को जानना जरूरी है, महात्मा गोपालानंदजी ने कहा की कलियुग के मोह माया से बाहर निकलना है तो हमें खुदको जानना जरूरी है जिसके लिए संत्सग ही सार है । अंत में
वसई आश्रम के प्रभारी महात्मा मुसाफिरानंदजी ने कहा कि ज्ञान के समान कोई और पवित्र वस्तु नहीं है, ज्ञान के प्रभाव से ही स्वामी विवेकानंद ने विश्व में प्रचार किए और लोगों को प्रभावित किया । अध्यात्म ज्ञान से ही चंचल मन को वश में किया जा सकता है जो केवल समय के सद्गुरु द्वारा प्राप्त होता है । आज समाज में अनेक धर्मगुरु है लेकिन सच्चे सद्गुरु की पहचान वह है जो 'गु' नाम अंधकार, 'रु' नाम प्रकाश जो माया के अंधकार को मिटाकर सत्य के प्रकाश से अवगत कराए । 
इस कार्यक्रम में वसई विरार नगर के विधायक मा. हितेंद्र ठाकुर के साथ वसई विकास सहकारी बैंक के चेयरमैन भी उपस्थित हुए । अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि समाज में शांती और प्रेम की भावना बनाये रखने के लिए संतो की आवश्यकता है और सत्संग के माध्यम से ही नगर का विकास संभव है । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समिती के कार्यकर्ता, हरिवंशजी, भास्कर जी, सुशिल मिश्रा जी, मोनु सिंह, मुन्नी बहण, राधेश्याम भाई, रविंद्र भाई, विकास भाई, सदानंद चौबे और मानव सेवा दल का संपूर्ण सहयोग रहा ।

Post a Comment

0 Comments