आत्मा का भोजन प्रभु का भजन – नारद महाराज


जौनपुर। जिस प्रकार से शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार से आत्मा का भोजन, प्रभु का भजन है। आत्मा ही परमात्मा का विशुद्ध अंश है। यह दुर्लभ मानव तन मिला है तो एकमात्र परमात्मा का भजन करें। उक्त बातें परमहंस आश्रमशक्तेषगढके  स्वामी  अड़गड़ानंद महाराज के शिष्य नारद महाराज ने क्षेत्र के पलटूपुर  में यथार्थ संदेश इंग्लिश स्कूल मेभक्तों को संबोधित करते हुए कहा।
महाराज ने कहा कि मानव तन मिला है  यह परमात्मा की देन है,यह भाग्यशाली लोगों को ही मिलता है,इसलिए गृहस्थ आश्रम में रहते हुए भी थोड़ा समय ईश्वर के भजन में देना चाहिए। उन्होंने विद्यालय के बच्चों को भी कहा कि इन्हें भी गीता का ज्ञान देना चाहिए क्योंकि गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुख की वाणी है। सप्ताह में एक दिन अध्यापक जरूर बच्चो को गीता के बारे में शिक्षा देना चाहिए।
महाराज ने कहा कि यथार्थ गीता की दो तीन आवृत्ति कर ले सारी शंका निर्मूल हो जाएगी। ओम, राम, शिव, किसी भी दो ढाई अक्षर के नाम का स्मरण करते रहे ईश्वर जरूर कल्याण करेगा। इस मौके पर राधाकृष्ण शर्माएडवोकेट, शिवकुमार यादव, अरविंद कुमार मौर्या, राकेश यादव, धर्मेंद्र कुमार सिंह, विनय कुमार दुबे,सहित अन्य लोग रहे।

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