भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे करदाताओं के करोड़ों रुपए – मनोज बारोट

वसई। वसई विरार महानगरपालिका क्षेत्र की जनता को जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए सभी मुख्य रास्ते की ऊंचाई और गटर निर्माण करने का निर्णय मनपा प्रशासन ने लिया. इसके लिए करोड़ों रुपए का ठेका निकाला गया. इन कामों से शहर की अंदरूनी गलियां, नागरिकों के घरों और दुकानों में पानी घुसने का भय और धीमी गति से हो रहे कामों को लेकर नागरिकों ने तब विरोध तक जताया था. लेकिन ठेकेदारों के आगे लाचार अधिकारियों ने नागरिकों की समस्या और शिकायतों को नजर अंदाज करते हुए अपना उल्लू सीधा कर लिया. अब पहली ही बारिश ने मनपा और ठेकेदारों की पोल खोल के रख दी है. पहले ही बारिश में करोड़ों की लागत से बने रोड की दयनीय अवस्था को लेकर विविध माध्यमों पर मनपा की किरकिरी भी हो रही है.
नई निर्माण की गई इन सड़को की बदहाल अवस्था को लेकर भाजपा वसई विरार जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने आज वसई विरार शहर महानगरपालिका आयुक्त अनिलकुमार पवार को लिखित पत्र द्वारा सवाल किया है, कि झुग्गी झोपड़ियों में रहनेवाले गौर गरीबों की मजबूरी समझे, बिना उन्हें घर से बहार निकालकर घर सील करके या उनके घरों को नुकसान पहुंचाकर जबरन जो घरपट्टी वसूली की जा रही थी, वो इन भ्रष्ट ठेकेदारों के लिए ही की जा रही थी कि क्या? जो आज भ्रष्टाचार को भेट चढ़ रही है।

बारोट ने अपने पत्र में ये भी बताया है कि, महानगरपालिका क्षेत्र के नागरिक पिछले कई सालों से बारिश के समय जलभराव और शहर की गड्ढे युक्त सड़को से प्रभावित होते आए है. महानगरपालिका की स्थापना के 15 साल के बावजूद सालों पुरानी इन समस्याओं से नागरिकों को मुक्ति नहीं मिल रही. जब सन 2018 में तालुका की दयनीय अवस्था हुई थी, तब दोबारा ऐसी परिस्थिति निर्माण न हो उसके नाम पर नीरी, आई.आई.टी. जैसी संस्थाओं से सुझाव के लिए मनपा ने करदाताओं के 12 करोड़ रुपए खर्च किए. लेकिन नीरी आई आई टी के सुझावों को कचरे का डिब्बा दिखाकर. हर साल नए नए प्रयोग के नाम पर बहती गंगा में हाथ धोने के लिए कुछ भूमाफिया और टैंकर माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए सड़को का निर्माण तो कुछ ठेकेदारों की दुकान चलाने के जो काम हो चुके है उसके  फर्जी टेंडर निकाले जाने की शिकायतों के बावजूद इसे नजर अंदाज कर कुछ भ्रष्ट अधिकारी अपनी और ठेकेदारों की जेब गरम करने का आरोप किया जा रहा है. इसी तरह मॉनसून से पहले नाले सफाई, सड़के और गटर का निर्माण और मरम्मत के लिए, फिर एक महीने बाद गणेश उत्सव के दौरान पैच वर्क के नाम पर करोड़ों के टेंडर निकालकर हर साल करदाताओं के करोड़ों रुपए पानी में बहाने का काम मनपा के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार मिलकर कर रहे है. अभी तक ऐसे मामलों और शिकायतों को सिर्फ आरोप के तहत ही देखा जाता था. लेकिन मनपा के ठेकेदार अभय जाधव का प्रकरण जगजाहिर हुआ है इसे यह बात स्पष्ट रूप से साबित हो चुकी है कि अब ये केवल आरोप ही नहीं लेकिन मनपा के कुछ भ्रष्ट अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार में लिप्त है और यह कहना कतई गलत नहीं होगा.
इसलिए बारोट ने पत्र के माध्यम से मनपा आयुक्त को अवगत कराते हुए मांग की है, कि राज्य सरकार ने डांबर और कंक्रीट रोड की लाइफ तय की है. इसी के आधार पर क्षेत्र में बनी नई सड़के जो पहली ही बारिश में बदहाल हुई है. ऐसी सड़को को लेकर आयुक्त एक विषेश टीम गठित कर जांच करवाए और करदाताओं की लूट में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों पर उचित करवाई और ठेकेदारों को तत्काल मनपा से ब्लैकलिस्ट करे. क्योंकि, करदाताओं के पैसे इन ठेकेदारों या अधिकारियों की जेब गरम करने के लिए नहीं बल्कि क्षेत्र के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने हेतु है।

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