पुणे। कृष्ण विनोद भांडे (विकलांग) और आराध्या प्रसन्न कुलकर्णी (मानसिक रूप से दिव्यांग) पीसीएमसी पब्लिक स्कूल, निवाले वस्ति, पिंपरी चिंचोड़े (पुणे) के कक्षा तीसरी के दो दिव्यांग छात्र हैं। इन दोनों छात्रों की माताएँ पूरे स्कूल समय (दोपहर 12:30 बजे से शाम 5:30 बजे) के दौरान अपने बच्चों के साथ कक्षाओं में भाग लेती हैं। कक्षाध्यापक चंदन शिवे मनाली बाबा ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। दोनों छात्रों की माताएँ भी अपने बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में मदद करती हैं। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती सुजाता कर्जतकर ऐसे विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करती हैं तथा अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखती हैं। यही कारण है कि शारीरिक रूप से अक्षम कृष्ण विनोद भांडे ने पर्पल जललोश उत्सव (विकलांग प्रतियोगिता) में भाग लिया और दौड़ जीती। इसी तरह, मानसिक रूप से विकलांग छात्रा आराध्या कुलकर्णी ने भी पीसीएमसी द्वारा आयोजित अंतर-स्कूल पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और प्रोत्साहन पुरस्कार जीता। इन दोनों छात्रों और अन्य विकलांग बच्चों को सभी स्कूल स्टाफ से पूर्ण समर्थन और विशेष देखभाल मिलती है। मैं चाहता हूं! यदि अन्य बच्चों के माता-पिता भी अपने बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखें और उन्हें समय दें तो निश्चित ही समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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