हिन्दी साहित्य भारती का महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए डॉ दयानंद तिवारी



मुंबई। हिन्दी साहित्य की अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था हिन्दी साहित्य भारती ने प्रो. (डॉ.) दयानंद तिवारी को महाराष्ट्र राज्य का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री व संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र शुक्ल द्वारा लिया गया, जिन्होंने प्रो. तिवारी की साहित्यिक सेवाओं और प्रशासनिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। ज्ञातव्य है कि प्रो. (डॉ.) दयानंद तिवारी वर्तमान में श्री जे. जे. टी. विश्वविद्यालय, के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर एवं शोध आचार्य के रूप में कार्यरत हैं। अबतक उनकी 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उनके मार्गदर्शन में अभी तक 22 विद्यार्थियों को पीएच डी की डिग्री प्राप्त हो चुकी है। वे एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार, शिक्षाविद तथा समाजसेवी हैं, कई राष्ट्रीय दैनिकों में उनके साप्ताहिक स्तंभ वर्षों से प्रकाशित हो रहे हैं। शिक्षा, हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें अब तक महाराष्ट्र राज्य का प्रतिष्ठित राज्य शिक्षक पुरस्कार एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त, प्रो. तिवारी भाजपा मुंबई के प्रवक्ता, मध्य रेल के डीआरयूसीसी सदस्य, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, वे पूर्वांचल महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के दायित्व का भी निर्वहन कर रहे हैं।
उनकी इस उपलब्धि पर महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार, विधायक संजय उपाध्याय, सिद्धिविनायक ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल , वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामजी तिवारी, महाराष्ट्र राज्य पाठयपुस्तक निर्माण समिति की कार्यकारी अधिकारी डॉ अलका पोतदार, महाराष्ट्र राज्य हिंदी शिक्षक महामंडल के संस्थापक सूर्यवंशी, समाजसेवी रवींद्र शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। प्रो दयानंद तिवारी मूलतः उत्तर प्रदेश के कमालपुर मुबारक पुर पिकार, अंबेडकर नगर, के मूल निवासी हैं। प्रो. तिवारी की इस नियुक्ति से महाराष्ट्र में हिन्दी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार को नई गति मिलने की उम्मीद है।

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