हिन्दी दिवस पर जिंदगी की धूप छांव का हुआ लोकार्पण

 

नाथद्वारा। हिंदी दिवस के अवसर पर साहित्य मंडल परिवार,राजस्थान द्वारा श्री नाथद्वारा में 13 व 14 सितंबर को हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मनमोहन शर्मा व संयोजन श्याम देवपुरा द्वारा किया गया।जिसमें गणेश वंदना,सरस्वती वंदना, श्रीनाथ वंदना के बाद वरिष्ठ साहित्यकार साहित्य रत्न हरी लाल मिलन द्वारा लिखित राष्ट्रभाषा गान से समारोह का शुभारंभ हुआ। इस समारोह में भारत के अलग-अलग राज्यों से आए वरिष्ठ साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र व उपाधियां देकर सम्मानित किया गया। उक्त समारोह में वरिष्ठ कवयित्री मधु स्वामी गाजियाबाद के गीत संग्रह "जिंदगी की धूप छांव" का लोकार्पण हुआ। मधु स्वामी के गीत संग्रह की उपस्थित सभी साहित्यकारों ने सराहना करते हुए कहा संवेदना की पराकाष्ठा उनके गीतों में दिखाई देती है। जिंदगी की धूप छांव गीत संग्रह की भूमिका डॉक्टर राहुल दिल्ली,साहित्य रत्न हरी लाल मिलन कानपुर तथा डॉक्टर रेशमी पांडा कोलकाता तथा वरिष्ट साहित्यकार कवि विनय संकोची गाजियाबाद द्वारा लिखी गई। सुप्रसिद्ध कवयित्री व साहित्यकार मधु स्वामी को श्री नाथद्वारा मंडल के साथ हरि लाल मिलन तथा रेशमी पांडा द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अखिलेश निगम डीआईजी लखनऊ ने अपने वक्तव्य में कहा कि मधु स्वामी के गीतों में संवेदना की गहराई व शब्दों की ऊंचाई दोनों ही देखने को मिलती है। डॉ अमर सिंह वाधवा पंजाब द्वारा मधु स्वामी को "काव्य श्री" व "हिंदी साहित्य की अमृता प्रीतम" जैसे सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राकेश स्वामी द्वारा सभी वरिष्ठ साहित्यकारों को पटका पहनाकर उनका स्वागत किया तथा मधु स्वामी ने डॉक्टर रेशमी पांडा को माला पहनाकर स्वागत व धन्यवाद व्यक्त किया। इस अवसर मधु स्वामी ने कहा कि मेरे गुरु व पिता तुल्य बड़े भाई हरिलाल मिलन का मैं आभार व्यक्त करती हूं कि उनके द्वारा यह सभी कार्य संपन्न हुआ।इसके साथ-साथ श्याम देवपुरा व उपस्थित सभी साहित्यकारों का धन्यवाद व्यक्त किया।

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