मुंबई: अंग्रेजों के शासन काल में राशनिंग अधिकारी रहे तथा बाद में प्रसार अध्यापक के पद से सेवानिवृत्त पंडित गायत्री प्रसाद दुबे का 102 वर्ष की आयु में, आज उनके पैतृक गांव लच्छी पट्टी सिंगरामऊ जौनपुर में निधन हो गया। उम्र के इस पड़ाव में भी वे काफी सक्रिय रहे तथा अपना सारा काम खुद करते थे। 15 अप्रैल को हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
मुंबई के कांदिवली परिसर में रहने वाले उनके पौत्र डॉ. अंबरीश दुबे ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि आहार विहार के प्रति सजग रहने के कारण वे कभी डॉक्टर के पास नहीं गए। स्व. गायत्री प्रसाद दुबे के बड़े पुत्र विशाल देव दुबे भारतीय थल सेना मे जेसीओ पद से रिटायर हो चुके हैं। दूसरे पुत्र शास्त्री जी दुबे बीडीओ पद से रिटायर हो चुके हैं; जबकि तीसरे पुत्र इंदु प्रकाश दुबे जिला न्यायालय, जौनपुर में अधिवक्ता हैं। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
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