मुंबई : सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री श्रीमती मंजु मंगलप्रभात लोढ़ा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड की सदस्य बनी। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भारत सरकार के केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करता है। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से फिल्मों को प्रमाणित करने के बाद ही भारत में उसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया जा सकता है। इसे सेंसर बोर्ड भी कहा जाता है। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से फिल्मों को प्रमाणित करने के बाद ही भारत में उसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया जा सकता है।
केन्द्र सरकार द्वारा दो साल के लिए बोर्ड के सदस्यों का चयन किया जाता है। बोर्ड सिनेमेटोग्राफ ऐक्ट 1952 के तहत फिल्मों को अलग-अलग श्रेणी में सर्टिफिकेट जारी करता है। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, फिल्मों को चार वर्गों में विभाजित करता है। शुरुआत में केवल यू और ए दो ही वर्ग थे। इसके बाद यूए और एस नाम से दो और वर्ग बनाए गए। सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री श्रीमती मंजु मंगलप्रभात लोढ़ा का केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के सदस्य बनने से फिल्मों की गुणवत्ता में काफी सुधार के आसार है।
सुप्रसिद्ध समाजसेविका, लेखिका व कवयित्री श्रीमती मंजु मंगलप्रभात लोढ़ा कला के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ भारतीय समाजिक परिवेश को भली-भांति करीब से देखती आ रही है। भारतीय संस्कृतिक मुल्यों की गंभीरता से वह भली-भांति परिचित है। इन सभी गुणों का लाभ भारतीय फिल्मों को भी मिलेगा।
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