पितृपक्ष में युवाओं को माता-पिता की सेवा की प्रेरणा देता एक पत्रकार


जौनपुर। पितृपक्ष में जहां लोग अपने पूर्वजों को तिलांजलि देकर का स्मरण कर रहे हैं, वहीं सूरत, गुजरात के एक युवा पत्रकार राजेंद्र उपाध्याय 10 सितंबर से ही अपने वृद्ध पिता रामकेल उपाध्याय की सेवा में लगे हुए हैं। बदलापुर तहसील अंतर्गत रमनीपुर गांव निवासी रामकेल उपाध्याय करीब 85 वर्ष के हैं। बीमारी के चलते हुए चलने फिरने में असमर्थ हैं। लिहाजा राजेंद्र उपाध्याय प्रतिदिन शाम 4 बजे उन्हें व्हील चेयर पर बैठा कर नजदीकी बाजार रामनगर ले जाते हैं। जहां उनको मिठाई खिलाकर चाय पिलाते हैं। बाजार के उनके परिचितों से मुलाकात कराते हैं। 6 बजे उन्हें वापस घर ले जाते हैं। बाजार से उनके घर की दूरी करीब 2 किलोमीटर है। इस बारे में पूछे जाने पर राजेंद्र उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने पितृ पक्ष के दौरान वृद्ध पिता की सेवा करने का निश्चय   किया। राजेंद्र उपाध्याय बिना किसी झिझक और संकोच के लगातार सेवा काम में लगे हुए हैं। वृद्ध माता पिता की सेवा करने में संकोच रखने वाले युवाओं के लिए पत्रकार उपाध्याय की सेवा भावना निश्चित रूप से प्रेरणादायक है।

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