जौनपुर। भारत की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है, और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में छोटे और मझोले किसानों की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में अपना पूर्वांचल महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक कुमार दुबे ने सरकार से पूर्वांचल के किसानों के लिए कर्नाटक सरकार की तर्ज पर ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने की मांग की है। दुबे ने कहा कि पूर्वांचल के किसान अत्यंत मेहनती हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे आधुनिक और वाणिज्य खेती की ओर नहीं बढ़ पा रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने 90 प्रतिशत सब्सिडी पर मिनी ट्रैक्टर उपलब्ध कराकर एक आदर्श उदाहरण पेश किया है। सरकार को पूर्वांचल के किसानों के लिए भी ऐसी योजनाएं लागू करनी चाहिए, ताकि क्षेत्र का आर्थिक और कृषि विकास हो सके।"उन्होंने पूर्वांचल के विकास के लिए कुछ सुझाव दिए।
1. आधुनिक उपकरणों पर सब्सिडी: मिनी ट्रैक्टर, हाईटेक कृषि उपकरण और सिंचाई उपकरणों पर विशेष छूट।
2. स्मार्ट खेती के लिए प्रशिक्षण: किसानों को नई तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।
3. ऋण योजनाओं में सुधार: किसानों को आसान शर्तों पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाए।
4. स्थानीय मंडियों को मजबूत करना: किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए बाजार संरचना में सुधार।
अपना पूर्वांचल महासंघ" केवल कृषि ही नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी सरकार से लगातार संवाद कर रहा है।
हाल ही में महासंघ ने पूर्वांचल में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग की, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो। इसके अलावा, महासंघ ने युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र खोलने की पहल की है। दुबे ने कहा कि किसान संगठनों और महासंघ को एकजुट होकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक किसान सशक्त नहीं होंगे, तब तक पूर्वांचल का विकास अधूरा है। अगर सरकार इस मांग पर विचार करती है, तो यह न केवल किसानों की मदद करेगा, बल्कि पूर्वांचल के समग्र विकास में भी योगदान देगा। "अपना पूर्वांचल महासंघ" इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
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