अब से सातबारा बंद हो जाएंगे : राज्य सरकार का निर्णय

मुंबई:- राज्य सरकार ने बढ़ते शहरीकरण और बड़े शहरों में कृषि भूमि की कमी के कारण सातबारा को बंद करने का फैसला किया है। राज्य के जिन शहरों में शहर का सर्वे हो चुका है और सातबारा उतारा भी चल रहा है, वहां सातबारा उतारा को बंद कर सिर्फ प्रॉपर्टी कार्ड रखने का फैसला किया गया है।

यह निर्णय भूमि अभिलेख विभाग ने लिया है।

बढ़ते शहरीकरण के कारण कई जगहों पर कृषि योग्य भूमि नहीं बची है। कई शहरों में खेती की जमीन लगभग खत्म हो चुकी है। इसलिए इन शहरों में सातबारा को बंद करने का फैसला किया गया है। भले ही सातबारा को एक संपत्ति कार्ड में परिवर्तित कर दिया गया हो, लेकिन कर और अन्य लाभों के लिए सातबारी का रखरखाव किया जाता है। तो धोखाधड़ी जैसे प्रकार होते हैं। इसलिए भू-अभिलेख विभाग ने सात-बारह शहरों को बंद करने का निर्णय लिया है।

प्रायोगिक आधार पर इस निर्णय का कार्यान्वयन पुणे के हवेली तालुका के साथ सांगली, मिराज, नासिक से शुरू होगा। प्रयोग सफल होने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। यदि शहर का सर्वेक्षण किया जाता है, तो संपत्ति का रिकॉर्ड बंद होना चाहिए। फिर भी, सातबारा उतारा और संपत्ति कार्ड दोनों के अधिकार रिकॉर्ड अभी भी चालू हैं। 

सिटी सर्वे किया गया। लेकिन सातबारा उतारा नहीं है, कुछ ऐसी जमीनें हैं। इससे बहुत भ्रम पैदा हुआ है और अदालती मामलों की संख्या भी बढ़ रही है। इन सभी को रोकने के लिए बंदोबस्ती एवं भूमि अभिलेख विभाग द्वारा गैर कृषि भूमि को सात से बारह तक कम करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

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