बोगस शिक्षण प्रमाण पत्र देकर महसूल विभाग में नौकरी हथियाने वाले नायब तहसीलदार को बचाने की अधिकारियों की जद्दोजहद? पुरवठा


पुरवठा विभाग की काली कमाई की बदौलत पाया प्रमोशन ?

वसई (संवाददाता ) वसई तहसील में नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त प्रदीप मुकणे के शिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश के उपरांत भी जांच अधिकारी उसे बचाने की जद्दोजहद करते नज़र आते हैं। इस तरह से जिला अधिकारी , पालघर के द्वारा जारी आदेश की अवमानना जांच अधिकारी क्यों कर रहे हैं, ऐसी चर्चा पूरे तहसील निवासी करते देखे जाते हैं।

सूचनाओं के अनुसार दि० 28-01-2022 को जिलाधिकारी पालघर में एक आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर नायब तहसीलदार मुकणे के शिक्षण प्रमाण पत्रों की जांच कर उसके विरुद्ध वैद्यानिक कार्यवाही किये जाने हेतु की गई शिकायत आधार पर एक आदेश जारी कर प्रांताधिकारी को आदेश दिया था कि मुकणे के 10वीं पास के पत्रों की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत की जाय, किंतु प्रांताधिकारी आदेश का उलंघन कर किसी भी प्रकार की जांच रिपोर्ट अब तक जिलाधिकारी को नहीं भेजी है। जिसके कारण नायब के पद पर कार्यरत हप्ताखोर अधिकारी मुकणे अपने प्र पद प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर, जनमानस का आर्थिक शोषण करता जा रहा है। 

सूत्रों के मुताबिक हप्ताखोर मुकणे की महसूल विभाग में नियुक्ति पुरवठा विभाग में हुई थी, जिसमें पुरवठा निरीक्षक
के पद पर रहते हुए मुकणे ने कई बोगस राशन की दुकानो के वा परमिट अयोग्य लोगों के नाम बनवाया था। फर्जी राशन कार्डों को भी मुकणे हजारों की संख्या में तैयार कराया था, जिनमें से दो वर्ष पहले जांच के दौरान 3.000 राशन कार्ड फर्जी पाये गये थे, जिनका ब्योरा अग्रिमांकों में प्रकाशित किया जायेगा बोगस दुकानों व बोगस राशन कार्ड के आधार पर जनता को व सस्ती दर पर सरकार द्वारा दी जाने वाली खाद्य सामग्री की मुकणे ने अंधाधुंध कालाबाजारी कराकर लाखों की कमाई की थी। 10वीं पास के प्रस्तुत किये गये मराठी में अनुत्तीर्ण लिखे गये लीविंग सर्टिफिकेट पर जालसाजी पूर्वक मुकणे ने अंग्रेजी में Passeed लिख कर, महसूल विभाग में नियुक्ति पाई जिसकी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को देने से आनाकानी की रही है।

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