मुंबई । संस्था द्वारा महीने के हर द्वितीय शनिवार को निरन्तर की जाने वाली काव्य गोष्ठी दिनाँक 9जुलाई 2022 शनिवार को बड़ी ही सफलता पूर्वक सम्पन्न की गयी जिसमे सुप्रसिद्ध व्यंगकार हरीश तिवारी मुख्य अतिथि और वरिष्ठ कवि शारदा प्रसाद दुबे शरदचंद्र कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे। यह सुंदर और सफल कार्यक्रम व्हाट्सएप पर ऑन लाईन किया गया।इस गोष्ठी में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पारंपरिक कजरी गीत,भक्ति गीत एवं श्रृंगार रस की रचनाओं की अधिकता देखने को मिली।कार्यक्रम का श्रीगणेश मधुर की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद जाने माने मंच संचालक उमेश मिश्र "प्रभाकर" ने सुप्रसिद्ध कवि श्री अरुण प्रकाश मिश्र "अनुरागी" को काव्य पाठ के लिए आमन्त्रित किया।अनुरागी जी ने पहुंचते ही एक श्रृंगार गीत "तेरे चेहरे की चमक पे ये दिल दीवाना है" की सुन्दर प्रस्तुति कर महफ़िल को रंगीन बना दिया। क्रम को आगे बढ़ाते हुए आनन्द पाण्डेय "केवल" ने "यहां हर कोई तो बुरा चाहता है किसी का कोई कब भला चाहता है"एक धमाकेदार ग़ज़ल प्रस्तुत किया।इसी क्रम में "मधुर" ने "कारी घटा बरस साजन पे मोरी याद दिलादे ना" कजरी गीत का बड़ा ही मनमोहक गायन किया।श्री विधू जी के आगमन पर शरदचंद्र जी ने गुरु महिमा का बड़ा ही शानदार वर्णन किया। क्योंकि "गुरु गुरु होता है वह जब भी पहुँच जाय कार्यक्रम वहीं से शुरू होता है" इसलिए कार्यक्रम का अध्यक्ष पद विधुभूषण त्रिवेदी को समर्पित किया गया। संचालक के आमंत्रण पर हरीश तिवारी ने "मेरे बदन पर संभल कर नौका चलाना, मैं रूठ गई तो रूठ गई" माँ गंगा की भावनाओं का वर्णन कर खूब वाह लुटा।कार्यक्रम की अगली कड़ी में संस्था के संयोजक 74 वर्षीय रामजीत गुप्ता ने "भूली बिसरी हुई यादें,क्योंकर याद आती हैं" वियोग श्रृंगार की रचना प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरी।तत्पश्चात मंच संचालक जी ने स्वयं "ये प्रिये मेरी प्राण प्रियतमा, आके मेरी जिंदगी में बांध दो शमा"श्रृंगार रस की अनुपम रचना प्रस्तुत कर महफ़िल में शमा बांध दिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधू भूषण त्रिवेदी ने "हे मन तुमको कितना छला गया" भावमय कविता सुना कर सबका मन मोह लिया l कार्यक्रम सायं 6 बजे से रात 9 बजे तक लगभग तीन घंटे,दो सत्रों में सम्पन्न किया गया। हँसी खुशी और ठहाकों भारी शाम में भक्ति रस और श्रृंगार रस के मिले जुले माहौल का सभी सहभागियों ने जमकर आनन्द उठाया।संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता ने सितम्बर 2022 में होने वाले हृदयांगन संस्था के कार्यक्रम को मिलजुल कर, तन मन धन से सहयोग करके सफल बनाने का संकल्प लिया।कार्यक्रम के अध्यक्ष विधू भूषण त्रिवेदी ने अपने उदबोधन में कार्यक्रम को खूब सराहा और सभी कवियों का उत्साहवर्धन भी किया।संयोजक श्री रामजीत गुप्ता जी ने कृतज्ञता व्यक्त किया और आभार प्रदर्शन का दायित्व मधुर जी को दिया।अन्त में संस्था के सहसंयोजक सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" ने समीक्षात्मक शब्दों के साथ आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।
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