मुंबई। शिवसेना उद्धव बाबासाहेब ठाकरे के डॉक्टर सेल विभाग ने केंद्र और राज्य सरकार के आदेश के बाद मुंबई महानगर पालिका आरोग्य विभाग के उस आदेश का कड़ा विरोध करते हुए उसे निरस्त करने की मांग की है, जिसमें कहा गया है कि अब निजी डॉक्टरों को किसी व्यक्ति के मरने पर उसकी मृत्यु प्रमाण पत्र उसके परिवार वालों या नजदीकी रिश्तेदारों को ना देकर महानगरपालिका के आरोग्य विभाग कार्यालय में जमा करना होगा। डॉक्टर सेल के अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद जाजू ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत तथा महापालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर इस आदेश को तुरंत रद्द करने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि निजी डॉक्टरों को अपना दवाखाना छोड़कर महापालिका में डेथ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए जाने से न सिर्फ मृत व्यक्ति के परिवारजनों को भी परेशानी होगी, अपितु दवाखाने में इलाज का इंतजार करने वाली मरीजों को भी कठिनाई होगी। निजी डॉक्टर बीमारी, कैंसर या प्राकृतिक रूप से मरनेवाले व्यक्ति के परिजनों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मृत्यु प्रमाण पत्र दे देते हैं। परिजन उसे तत्काल महानगरपालिका में जमा कर देते हैं। महानगरपालिका से प्राप्त रशीद के आधार पर मृत व्यक्ति का दाह संस्कार हो जाता है। परंतु सरकार के नए आदेश से निजी डॉक्टर के साथ साथ मृत व्यक्ति परिजनों की भी परेशानियां बढ़नी तय है। उन्होंने कहा कि महानगर पालिका में पहले से ही भीड़ लगी होती है। ऐसे में डॉक्टर को वहां मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 3 से 4 घंटे खड़ा रहना पड़ेगा। यह पूरी तरह से अमानवीय और अ व्यावहारिक होगा। इस दरमियान उसके दवा खाने में इलाज के लिए आए हुए मरीजों पर क्या बीतेगी? उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे जल्द ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे या पूर्व मंत्री एड अनिल परब से मुलाकात करेंगे।
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