ठाणे। साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक
संस्था संगीत साहित्य मंच ठाणे द्वारा निरंतर की जाने वाली मासिक काव्यगोष्ठी इस महीने 10 फरवरी 2024 शनिवार को संस्था के सदस्य वरिष्ठ कवि मदन गोपाल गुप्ता के आवास पर की गई।मुख्य अतिथि राजेश दूबे "अल्हड़ असरदार " एवं वरिष्ठ कवि सुभाष चतुर्वेदी की अध्यक्षता तथा उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन में कवि गोष्ठी सम्पन्न हुई।शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया तत्पश्चात अनुरागी द्वारा श्रृंगार रस की कविता का मधुर कंठ से गायन किया गया।इसके बाद शारदा प्रसाद दूबे द्वारा माता सरस्वती के आवाहन के साथ नारी शक्ति पर कविता का सुन्दर पठन किया गया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए भाजभा के संरक्षक रघुवंशी को आमंत्रित किया गया जहां रामप्यारे रघुवंशी ने वीर रस की सुंदर कविता प्रस्तुत की।अगली कड़ी में मधुर द्वारा एक भोजपुरी में देशभक्ति गीत का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया।वरिष्ठ कवि तिलक राज खुराना ने श्रृंगार रस में वसंत ऋतु के वर्णन का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया।अगली कड़ी में गोष्ठी में आई कवियत्री श्रीमती इंदु चतुर्वेदी ने वीर रस की "मैं बेटी हिंदुस्तान की"कविता को प्रस्तुत किया।मदन गोपाल गुप्ता ने प्रकृति श्रृंगार का वर्णन करते हुए भ्रमर पर सुन्दर कविता का गायन किया।क्रम को आगे बढ़ाते हुये वरिष्ठ कवि अजय सिंह ने "वान" शब्द से युक्त शब्दों के प्रयोग की अद्भुत कविता प्रस्तुत किया। इसके बाद संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता ने विभीषण नाम की विशेषता तथा भोजपुरी होली गीत पर काव्यपाठ किया।गोष्ठी के क्रम में मधुर ने मंचसंचालक उमेश मिश्रा प्रभाकर को आमंत्रित किया जहां प्रभाकर ने प्रभु राम पर मुक्तक तथा वसंत ऋतु पर शानदार कविता प्रस्तुत किया।इसी कड़ी में वीर रस के सुप्रसिद्ध कवि राजेश दूबे अल्हड़ असरदार ने हिन्दू विरोधी राजनीति के प्रभाव से मुक्त आज के भारत पर कविता "आओ भारत देश बनायें" का जोरदार प्रस्तुतीकरण किया।कार्यक्रम में कुछ देर से सिरकत करने वाली वरिष्ठ कवियत्री श्रीमती जया राव ने अपने काव्यपाठ में वीर रस की कविता "हम नया इतिहास बनाएंगे"का सुन्दर गायन किया!अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष सुभाष चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम की खूब प्रशंसा किया और तमाम विधाओं से युक्त इस कार्यक्रम को सतरंगी इंद्रधनुष की संज्ञा दिया तथा अपने हिस्से के काव्यपाठ में कई हास्य व्यंग की पंक्तियों से लोगों को लोटपोट कर दिया।गोष्टी विशेष रूप से भोजपुरी के साथ साथ हास्य रस, वीर रस,श्रृंगार रस तथा देश भक्ति से परिपूर्ण रही।अंत में सहसंयोजक मधुर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।
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