भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू की गई राजनीति के कारण मुक्केबाजों की सरकार में बक्सों के लिए लड़ाई
मुंबई (संवाददाता ) :महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के आखिरी दिन विधानमंडल की लॉबी में एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के मंत्री दादा भुसे और विधायक महेंद्र थोरवे के बीच हाथापाई हो गई। महाराष्ट्र विधानमंडल में ऐसा होना गलत है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने आलोचना की है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू की गई राजनीति के कारण सदन एक अखाड़ा बन गया है और विधायक विधानमंडल की लॉबी में एक-दूसरे को धक्का दे रहे हैं और मार रहे हैं।
बतादे कि विधायकों से धक्का-मुक्की मामले पर बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सत्ताधारी विधायक जनता के बुनियादी मुद्दों की बजाय अपने निजी मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने विधानमंडल में हुई इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि विधानमंडल की लॉबी में मंत्रियों के ऊपर डिब्बा गिरने का मामला डिब्बा है और यह डिब्बा में ही चलता रहेगा. विधायकों की धक्का-मुक्की का मामला विधानसभा में भी उठा. नाना पटोले ने कहा कि धक्का-मुक्की की यह घटना बाहर नहीं बल्कि हॉल की लॉबी में हुई थी.
ज्ञातव्य है कि अधिवेशन में प्रश्नकाल सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार है लेकिन इस सम्मेलन में प्रश्नोत्तर काल नहीं है. हमारे मतदाताओं के सवालों और समस्याओं को उठाने के लिए प्रश्नोत्तरी का समय है। सदस्यों को यह अधिकार है. सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना राष्ट्रपति का दायित्व है। कोविड काल में सत्र की अवधि कम रखी गई थी लेकिन अब भी सत्र में सवाल-जवाब का कोई सत्र नहीं है. नाना पटोले ने कहा कि सरकार ने विधेयकों को मंजूरी दे दी लेकिन सदस्यों को लोगों के मुद्दे उठाने का मौका नहीं मिला.
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