कवि सम्मेलन के साथ संगीत साहित्य मंच की 118 वीं काव्य गोष्ठी संपन्न



ठाणे। साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच द्वारा निरंतर की जाने वाली मासिक काव्यगोष्ठी शनिवार दिनाँक 19 अप्रैल 2025 को शेंडोबा रोड स्थित संगीत और साहित्य के प्रेमी समाजसेवी किशोर भोईर के फॉर्महाउस (मंथन कट्टा) पर आयोजित की गई। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार रामप्यारे सिंह रघुवंशी ने किया तथा मुख्य अतिथि के रूप में कवि एवं पत्रकार विनय शर्मा "दीप" उपस्थित थे।मंथन कट्टा एवं संगीत साहित्य मंच को संजोते हुए खूबसूरत संचालन उमेश मिश्र प्रभाकर ने किया।कार्यक्रम का शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया।तत्पश्चात अरुण मिश्र अनुरागी द्वारा श्रृंगार गीत का सुन्दर गायन, सुश्री संगीता मांडरेकर ने विजय कुलकर्णी द्वारा लिखित मराठी कविता सुनाई और कुलकर्णी ने हिन्दी कविता सुनाया।अगली कड़ी में वरिष्ठ कवि अजय सिंह द्वारा संस्कार पर कविता, सहसंयोजक सदाशिव चतुर्वेदी मधुर ने समाज के बिगड़ते माहौल पर कविता सुना कर सबको रोमांचित कर दिया।वरिष्ठ कवि तिलक राज खुराना ने हँसी एक संजीवनी पर एक मानक गीत का पाठन किया।मराठी कवि शेखर भगत ने हिन्दी और मराठी कविता का पाठ तत्पश्चात केरोके गायक राजेश और संगीता ने फ़िल्मी संगीत पर एक युगल गीत प्रस्तुत किया।संगीत शिक्षक सुमंत सिंदे व शिक्षिका श्रीमती वसुंधरा भगत ने मराठी कविता पढ़ी।मधुर के अनुमोदन पर संचालक उमेश मिश्र ने मुक्तक और गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी,जाने माने पत्रकार, कवि एवं मुख्य अतिथि विनय शर्मा दीप ने अपनी सवैया और गीत द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।अंतिम कवि के रूप में अध्यक्षता कर रहे भाजभा के संस्थापक रामप्यारे रघुवंशी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम को खूब सराहा और जीवन में खुशियों की महत्ता को दर्शाने वाली कविता "दीवाली का प्रथम प्रहर है "गीत का सराहनीय गायन किया एवं सभी को शुभकामनायें प्रदान किया।गोष्ठी विशेष रूप से आध्यात्मिक, सामाजिक तथा श्रृंगार प्रधान कविताओं एवं चर्चाओं पर आधारित रही।अंत में सहसंयोजक सदाशिव चतुर्वेदी मधुर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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