मनपा के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के स्वीमिंग पूल में डूबकर मासूम की मौत



भायंदर। एक सामान्य दिन, एक नियमित समर कैंप, और एक मौत, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। घटना है भायंदर पूर्व के स्व. गोपीनाथ मुंडे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, भायंदर की, जहां के स्वीमिंग पूल में डूबकर 11 वर्ष के मासूम बच्चे ग्रंथ हसमुख मुथा की मौत हो गई। जिससे मासूम के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। नवघर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक के पिता हसमुख मुथा के मुताबिक ग्रंथ तपोवन विद्यालय, मीरारोड पूर्व में 6ठीं कक्षा का एक मेघावी छात्र था। वह पिछले 7 दिनों से मीरा-भायंदर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में स्वीमिंग सीखने के लिए जा रहा था, जहां रविवार को सुबह वह 11 से 12 बजे की शिफ्ट में स्वीमिंग सीखने के लिए गया था, जहां ट्रेनर तथा लाईफ गार्डों की लापरवाही के चलते डूबने से उसकी मौत हो गई। स्वीमिंग करने के बाद उसके ग्रुप के बच्चों ने जब उसे अपने बीच नहीं पाया, तो सभी शोर मचाने लगे, जिसके बाद खोजबीन करने पर ग्रंथ का शव स्वीमिंग पूल में तैरते हुए मिला। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के कर्मी उसे लेकर तुंगा हॉस्पिटल गए, जहां चिकित्सकों ने ग्रंथ को प्राथमिक जांच में ही मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद इसकी सूचना मृतक के परिवार वालों को दी गई। मृतक के नजदीकी महेंद्र जैन ने बताया कि दो भाईयों में छोटा ग्रंथ शुरू से ही बहुत मेघावी था। हाल ही में सिंगापुर की परीक्षा में उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। ग्रंथ के निधन की सूचना मिलते ही मीरा-भायंदर के विधायक नरेंद्र मेहता, पूर्व नगरसेवक सुरेश खंडेलवाल, भगवती शर्मा समेत सैकड़ों लोग हॉस्पिटल में जमा हो गए और सभी के मन में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स प्रबंधन तथा कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश दिखा। 
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि स्विमिंग पूल में उस समय कोई लाइफ गार्ड मौजूद नहीं था, जबकि ठेकेदार और संचालक यह कह रहे हैं कि 6 से 7 लाइफ गार्ड्स तैनात थे। लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज से सच सामने आएगा, तब शायद जवाब भी मिलेगा कि अगर लाइफ गार्ड थे तो ग्रंथ कैसे डूबा?
स्थानीय विधायक नरेंद्र मेहता स्वयं अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मिले। उन्होंने कहा कि अगर मौके पर एक भी लाइफ गार्ड होता, तो यह दर्दनाक हादसा टाला जा सकता था। प्रथम दृष्टि से यह स्पष्ट लापरवाही का मामला है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, जांच में वास्तविकता सामने आएगी, और दोषियों को सख्त से सख्त सजा भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है, और इस दुख की घड़ी में हम सभी शोकाकुल मुथा परिवार के साथ हैं। 
मृतक के परिजन महेंद्र जैन ने मांग की है कि ठेकेदार और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हो। साथ ही ठेका रद्द किया जाए और सीसीटीवी फुटेज को तुरंत सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्पोर्ट्स सेंटर में प्रमाणित लाइफ गार्ड और सुरक्षा मानकों की नियमित जांच हो। सवालिया लहजे में महेंद्र जैन ने कहा कि ग्रंथ हसमुख मुथा अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन क्या उसकी मौत से कोई सीख लेगा? क्या प्रशासन जागेगा? क्या सिस्टम सुधरेगा, या एक और हादसे का इंतज़ार होगा? उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चेतावनी है, आने वाले कल को बचाने के लिए आज जिम्मेदारी जरूरी है।
 शहरवासियों के मन में सवाल एक ही है, कि क्या सभी जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज होगी या सिर्फ लाइफ गार्ड के इर्द-गिर्द मामले को रफा दफा किया जाएगा ?
यह शहर के नुक्कड़ों पर इसलिए भी चर्चा का विषय है कि क्या सिर्फ पैसे कमाने के चक्रव्यूह में बच्चों की जान से खिलवाड़ किया गया। क्योंकि अगर एक जिम्मेदार जानकर लाइफ गार्ड भी मौके पर होता, तो शायद ग्रंथ की जान बचाई जा सकती थी। लोगों का कहना है कि हर मां-बाप अपने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए स्पोर्ट्स और एक्टिविटी क्लास में भेजते हैं। लेकिन ग्रंथ के माता-पिता को क्या पता था कि उनका बच्चा मनपा संचालित एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की लापरवाही की बलि चढ़ जाएगा।
आज सवाल सिर्फ एक पूल या एक ठेकेदार का नहीं है, सवाल है हमारी सिस्टम की जवाबदेही का।

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