बेलगाम, भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर कसेगा शिकंजा : संजय पाण्डेय | Khabare Purvanchal

  • नये पुलिस महानिदेशक ने स्पष्ट की अपनी रणनीति
  • ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में प्रसिद्ध हैं पाण्डेय
मुंबई:  पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय ने कहा कि बेलगाम, भ्रष्ट अधिकारियों को सुधारकर पुलिस की छवि को धूमिल करने वालों को सबक सिखाना होगा। साथ ही लोगों में एक बार फिर पुलिस के प्रति विश्वास स्थापित करना होगा। इधर कुछ दिनों से पुलिस की छवि को धूमिल करने का काम कुछ लोगों द्वारा किया गया है। गृह विभाग ने शुक्रवार देर रात घोषणा की कि उन्हें राज्य के पुलिस महानिदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। शनिवार की दोपहर में पाण्डेय ने महानिदेशक का पद भार ग्रहण किया।


संजय पाण्डेय 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पाण्डेय ने IIT कानपुर से IT कम्प्यूटर में इंजीनियरिंग की है। 1986 बैच के IPS बने। पहले ACP पुणे शहर में कामकाज शुरू किया। मुंबई में डीसीपी रैंक अधिकारी बने। 1992 मुंबई दंगों के दौरान धारावी में दंगा नियंत्रण और सामाजिक एकता के लिए पहली बार मोहल्ला कमेटी बनाई। 1992-93 दंगों के समय किए गए अच्छे कार्य का जिक्र श्री कृष्णा कमिशन की रिपोर्ट में है। उन्हें पुलिस बल में एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में जाना जाता है। जब 1992-93 में शहर में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, पाण्डेय आठ निर्वाचन क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर थे।

उन्होंने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के साथ-साथ नारकोटिक्स विरोधी दस्ते के उपायुक्त के रूप में भी काम किया। उन्होंने चर्मकार घोटाले को प्रकाश में लाया।
राज्य सुरक्षा, खाद्य और औषधि प्रशासन के उपायुक्त, राज्य रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक, मानवाधिकार आयोग के महानिरीक्षक, वजन और माप नियंत्रक, होमगार्ड के अतिरिक्त महानिदेशक, महानिदेशक और राज्य सुरक्षा निगम के महानिदेशक के पद संभाले रखे।
सचिन वाझे मामले के बाद, गृह विभाग ने मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से परमबीर सिंह को हटा दिया।

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