परिषद के महामंत्री डाॅ राधेश्याम तिवारी ने बताया कि इस पावन अवसर पर पुराने जनेऊ का ससम्मान त्याग कर पूजित नवीन जनेऊ को शरीर पर शुभ मंत्रों के साथ धारण किया जाता है। साथ ही पित्रों को तर्पण देकर उन्हें स्मरण भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा संपन्न होने वाला यह कार्यक्रम संस्था स्थापना काल सन् 1992 से ही आयोजित होता आया है। पहले यह कार्यक्रम पवित्र वाण गंगा सरोवर, वालकेश्वर के किनारे, फिर नेशनल पार्क बोरीबली में संपन्न होता था। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष यह कार्यक्रम भारतीय सदविचार मंच समाज कल्याण केंद्र, दहिसर में आयोजित किया गया। आयोजन में संस्था के सदस्य मनोज चतुर्वेदी ने महत्वपूर्ण भूमिक निभाई। डाॅ. हृदयनारायण मिश्रा, डाॅ.सलिल चौबे, इंद्रमणि दुबे, सुभाषचंद उपाध्याय, डाॅ.शिवश्याम तिवारी, विद्यासागर चतुर्वेदी, हरिशंकर तिवारी, सुरेश मिश्र, सूर्यकांत उपाध्याय, बी.पी.मिश्रा, शैलेश मिश्रा, ललित शुक्ला, गणेश पांडेय, रत्नेश दुबे, नागेंद्र मिश्रा, श्रीकांत मिश्रा, सुभाष दुबे की विशेष उपस्थिति रही।
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