मुंबई। मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव ने मीठी नदी से मुंह मोड़ लिया है जिस पर अब तक 1150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और कार्य अपूर्ण हैं। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मीठी नदी विकास व संरक्षण प्राधिकरण ने दी हैं।आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीठी नदी विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक के संबंध में मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण से जानकारी मांगी थी। मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण ने अनिल गलगली को बताया कि मुख्यमंत्री मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण की अध्यक्षता में 6 बैठकें हुई। यह बैठक दिनांक 01.09.2005 (30), दिनांक 01.10.2005 (30), दिनांक 26.10.2006 (27), दिनांक 20.04 2007 (14), दिनांक 05.05.2008, दिनांक 25.05.2020 (28) को आयोजित की गई थी। (कोष्ठक में संख्या बैठक में उपस्थित लोगों की संख्या है) साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीठी नदी विकास एवं संरक्षण प्राधिकरण के तहत 11 बैठकें की गईं।. यह बैठक 20.12.2005 (13) दिनांक 02.01.2006 (12) दिनांक 06.11.2006 (13), दिनांक 13.05.2008 (17), दिनांक 15.05.2008 (23), दिनांक 12.10.2012 (43) दिनांक 05.02.2013 (36), दिनांक 06.04.2013 (25) दिनांक 20.05.2013 (34), दिनांक 19.07.2013 (31), दिनांक 14.11.2013 (33) को आयोजित की गई थी।(कोष्ठक में संख्या बैठक में उपस्थित लोगों की संख्या है)अनिल गलगली के मुताबिक, जब तक मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इस पर ध्यान नहीं देते, तब तक स्थानीय स्तर पर इस तरह के अहम प्रोजेक्ट पर कोई गंभीरता से ध्यान नहीं देता. गलगली ने कहा कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को मीठी नदी को लेकर वर्ष में कमसे कम एक बैठक लेनी चाहिए।
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