मुंबई। बृहन्मुंबई महानगरपालिका शिक्षण विभाग के पूर्व शिक्षणाधिकारी महेश पालकर द्वारा सतत चार वर्षा तक मनपा स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए किए गए प्रयासों से एक क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ, और वर्तमान शिक्षणाधिकारी राजेश कंकाल एवं माध्यमिक विभाग के प्रभारी शिक्षणाधिकारी राजू तडवी भी शैक्षणिक गुणवत्ता को बढाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। वर्तमान शिक्षण समिति की अध्यक्षा संध्या विपुल दोशी, जो दो वर्षों के कोरोना संकटकाल में भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में जरूरतमंदों की सेवा के साथ ही मनपा विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई और अन्य सहयोग के लिए भी सदैव तत्पर रहीं, उन्होंने गोरेगांव पश्चिम स्थित मनपा के मोतीलाल नगर म्युनिसिपल सेकेंडरी स्कूल में अटल टिकरिंग लैब का उद्घाटन पश्चिमी उपनगर की उपशिक्षणाधिकारी सुजाता खरे तथा माध्यमिक विभाग की प्रभारी उपशिक्षणाधिकारी ममता राव की उपस्थिति में किया। इस अवसर पर संध्या दोशी ने इस प्रयोगशाला की सभी सामग्रियों को देखा और समझा। मनपा शिक्षण समिति की अध्यक्षा संध्या विपुल दोशी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों, अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मनपा स्कूलों में सबसे योग्य शिक्षक और सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। जो फ्री हैं। इसलिए सभी लोग कम से कम अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मनपा संचालित स्कूलों में देने की मानसिकता बनाएं। दोशी ने कहा कि मनपा स्कूलों की पूरी पढाई कर उच्च शिक्षा भले ही कहीं से हासिल की, पर मनपा की इस पद पर पहुंचने के बाद भी मैं आम मुंबईकर हूं।
संध्या ने कहा कि हम सीबीएसई, आईसीएसई स्कूल शुरू कर रहे हैं, लेकिन साथ ही अटल लैब जैसी गतिविधियां मनपा स्कूलों में प्रतिष्ठा हासिल कर रही हैं। पश्चिमी उपनगर की उपशिक्षणाधिकारी सुजाता खरे एवं माध्यमिक विभाग की प्रभारी उपशिक्षणाधिकारी ममता राव ने भी बच्चों का मार्गदर्शन किया। सभी अतिथियों ने कहा कि अटल टिकरिंग लैब विद्यार्थियों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही उनके कौशल्य को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। सुजाता खरे ने कहा कि प्रश्न खोजने के लिए एक नज़र और उत्तर खोजने के लिए दृढ़ता की आवश्यकता होती है। यहां बच्चों के लिए विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ओपन सोर्स माइक्रो-कंट्रोलर बोर्ड, सेंसर और 3 डी प्रिंटर और कंप्यूटर का अनुभव करने के लिए किट होंगे। सभी इसे स्वयं करें, अपनी योग्यता के आधार पर। सुजाता खरे ने कहा कि बच्चों में इन गुणों को अधिक से अधिक विकसित करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, विशेषज्ञ व्याख्यान, प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
0 Comments