पालघर। राजपूताना एकता फाउंडेशन' के तत्वावधान में 20 मार्च को वसई पूर्व के 'जोशी हॉल' में 'होली मिलन समारोह' बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया।इस कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारियों,सदस्यों और राजपूत समाज के अनेक गणमान्य लोगों के साथ-साथ समाज के अन्य वर्ग के लोगों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष डॉ ओमनारायण सिंह,उपाध्यक्ष प्रतीक सिंह,कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह,राजपूत समाज के वरिष्ठ सदस्य लालशेखर सिंह,अशोक सिंह,के.पी.सिंह चौहान आदि द्वारा माँ सरस्वती,हनुमान जी,राष्ट्र गौरव महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया।इसके पश्चात सुश्री सोनी सिन्हा की अगुआई में सुमधुर और सुरुचिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।गायक और वादक कलाकारों के संगीत,होली गीत और अन्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया और वातावरण में रस-सा घोल दिया।बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने नृत्य,तालियों और पुरस्कारों से उनका उत्साहवर्धन किया और होली के माहौल को रस-रंग-उमंग से भर दिया।कार्यक्रम की अगली कड़ी में संस्था की परंपरा के अनुसार सभी पधारे गए अतिथियों का सम्मान किया गया।इसके अंतर्गत संस्था के सचिव मनोज सिंह, सलाहकार विनय सिंह,वरिष्ठ सदस्य प्रमोद सिंह एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने सबको अबीर-गुलाल लगाकर,रामनामी देकर और स्मृतिचिन्ह के रूप में संस्था का चिन्हांकित 'की-रिंग' देकर सम्मानित किया। महिलाओं में श्रीमति रीना प्रतीक सिंह, श्रीमती पूनम विवेक सिंह, श्रीमती पूनम विनय सिंह एवम साक्षी बिटिया ने महिलाओं को अबीर-गुलाल लगाकर, रामनामी देकर और स्मृतिचिन्ह के रूप में संस्था के चिन्हांकित 'की-रिंग' देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अगले चरण में संचालन कर रहे विवेक सिंह ने संस्था के उद्देश्यों एवं कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।संस्था के उपाध्यक्ष प्रतीक सिंह ने संस्था के उच्च प्रतिमानों की चर्चा करते हुए समाज के प्रति संस्था के समर्पण की चर्चा की।संस्था के अध्यक्ष डॉ ओमनारायण सिंह ने संस्था की अलग पहचान का जिक्र करते हुए सभी अतिथियों एवं सहयोगियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की विशेष एवं उल्लेखनीय बात यह रही कि इसमें महिलाओं ने बहुत बड़ी संख्या में भाग लिया।ऐसा बहुत कम कार्यक्रमों में देखा जाता है।कार्यक्रम के अंत में सुरुचिपूर्ण रात्रिभोज की व्यवस्था थी जिसका सभी ने आनंद उठाया। कुल मिलाकर कार्यक्रम अत्यंत सफल,चर्चित और सराहनीय रहा।इसमें इतने लोग शामिल हुए कि लोगों के बैठने की जगह नहीं बची।लोगों ने खड़े होकर इसका आनंद लिया और कार्यक्रम को उत्सव में बदल दिया।इतनी संख्या में अपनों के सहभाग ने सभागृह को खचाखच भर दिया तथा इन अपनों के अपनेपन एवं प्रेम ने मन और हृदय को नेह,उल्लास और आनंद से परिपूर्ण कर दिया।
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