एड लाल बहादुर सिंह के निधन पर भांडुप में शोक की लहर


मुंबई। भांडुप के समाजसेवी शिक्षाविद् मयाशरण सिंह की पुत्रवधू  भांडुप निवासी  अधिवक्ता हर्षिता विनीतकुमार सिंह के दादाजी आजमगढ़ जिले के वयोवृद्ध अधिवक्ता लालबहादुर सिंह का आजमगढ़ में  निधन हो गया।उनका वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।   वे विगत एक सप्ताह से अस्वस्थ थे।उनके निधन पर आजमगढ़ ही नहीं संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लोग जो मुंबई में रहते हैं वे शोक संवेदना व्यक्त करने हेतु भांडुप स्थित मयाशरण सिंह के निवास पर पहुंचे थे। गौरतलब है कि लाल बहादुर सिंह 1956 से वकालत कर रहे थे। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे।वे संघ के कुशल कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उन्होंने राममंदिर के लिये अपना पूरा  जीवन  समर्पित कर दिया था।वे आजमगढ़ जनपद के अलावा कई जिलों में भी वकालत के लिए जाते थे। इमरजेंसी के समय लगभग 18 महीने तक वे जेल में रहें।  वे अधिवक्ता परिषद के संस्थापक सदस्य व वर्तमान में राष्ट्रीय संरक्षक थे। वे उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के दो बार सदस्य भी थे। उनके आवास पर जिला जज जितेंद्र कुमार सिंह, अपर जिला जज जैनेंद्र कुमार पांडेय ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये  साथ ही  विंध्यवासिनी प्रसाद सिंह, अजय सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह ,डीजीसी फौजदारी पीयूष प्रियदर्शी त्रिपाठी, डीजीसी सिविल रामकृष्ण मिश्रा, एडीजीसी गोपाल पांडेय, दीपक मिश्रा, वीरेंद्र सिंह सहित भाजपा व आरएसएस  से जुड़े सभी पदाधिकारी उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त कर 
उनके जुड़वां पुत्रों जितेंद्र सिंह एवं हरेंद्र सिंह  एवं उनके परिवार के सदस्यों का ढांढ़स बंधाया। वहीं मुंबई से उनके चाहने वाले लोग उनके  त्रयोदश संस्कार में शामिल होने हेतु निकल चुके हैं।

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