गीतकार प्रमोद मिश्र निर्मल के स्वरों से बह रही काव्य की गंगा


मुंबई। साहित्यिक, सामाजिक,सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अंतरराष्ट्रीय संस्था 'काव्यांजलि एक अनूठा आरंभ' "विश्व मंच" के साहित्यिक फेसबुक पटल पर वरिष्ठ साहित्यकार,गीतों के बादशाह प्रमोद मिश्र निर्मल के नाम काव्य की अविरल धारा गंगाजी के निर्मल धारा की भांति प्रवाहित हो रही है।जिसके प्रवाहक गीतों के राजकुमार स्वयं प्रमोद मिश्र निर्मल जी हैं जो विगत कई वर्षों से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक पटलों से ऑनलाइन गीतों की धारा प्रवाहित कर रहे हैं।जिसे सुनने के लिए देश के सभी साहित्यकार काव्यांजलि एक अनूठा आरंभ विश्व मंच के फेसबुक पटल से जुड़ कर श्रवण कर आनंद उठा रहे हैं।गीतकार प्रमोद मिश्र का उप‌नाम निर्मल है जिनका जन्म स्थान देवभूमि कुसमरा,मैनपुरी, उत्तर प्रदेश है।आप ग्रेटर नोएडा से आते हैं,आपकी लेखन विधा-कहानी,उपन्यास, नाटक,धारावाहिक,टेलीफिल्म लेखन गीत ,मुक्तक,दोहा,छंद आदि है।साहित्यिक उपलब्धियों में दो काव्य संकलन,कहानी संग्रह,उपन्यास प्रेम परिणय,शकुन्तला खण्ड काव्य...लेखन जारी... फिल्मों में तीन गीतों की स्वीकृति/अनुबंध मिल चुकी है आप आर बी आई में उच्च अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।जिसका आयोजन, प्रयोजन एवं संयोजन संस्थापक दीपक शुक्ल,एडवोकेट अशोक निर्दोष,सह- संस्थापक सुरेश फौजदार जिगर, महासचिव मनोज मानव,सोहनलाल शर्मा प्रेम,गीतकार भूदत्त शर्मा,राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप,अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार द्विवेदी अनमोल ने किया है।

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